पटना: बिहार में चुनाव आयोग के द्वारा कराए जा रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य का बुधवार को बिहार विधानसभा से लेकर लोकसभा तक विरोध हुआ। बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए। तेजस्वी ने कहा कि मैं मतदाता पुनरीक्षण कार्य का विरोध नहीं करता बल्कि इसकी प्रक्रिया का विरोध कर रहा हूं। चुनाव आयोग को यह काम करवाना ही था तो लोकसभा चुनाव के बाद करवा लेते या फिर फरवरी में करवाते। जब चुनाव निकट आ गया है ऐसे में इतना कम समय में यह काम संभव नहीं है। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के द्वारा गहन मतदाता पुनरीक्षण में मांगे गए डॉक्यूमेंट में आधार कार्ड, राशन कार्ड को नहीं जोड़े जाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग को फटकार लगाई है बावजूद इसके अब तक चुनाव आयोग ने आधार कार्ड को डॉक्यूमेंट लिस्ट में शामिल नहीं किया है। चुनाव आयोग लोगों की नागरिकता साबित करना चाहता है लेकिन चुनाव आयोग को यह अधिकार किसने दिया। तेजस्वी यादव के इन बातों को देखते हुए उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा भी उठ खड़े हुए और लोगो को बरगलाने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बोलने के दौरान ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उठ खड़े हुए और कहा कि आपके माता पिता 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे कुछ काम किए क्या? देख लो पहले बिहार का बजट कितने का होता था अब तीन लाख खरीद से अधिक बजट हमने किया है। चुनाव का समय है तो जितना अंड बंड बोलना है बोलते रहो, चुनाव का समय है जनता जिसे जिताएगी वह सदन में आएगा। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार मतदाता पुनरीक्षण का आदेश वापस लेने की मांग करते रहे। लंच के बाद दुबारा सदन की कार्यवाही शुरू तो हुई लेकिन विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा और अंत में विपक्ष के विधायकों ने वॉक आउट कर दिया। वहीं दूसरी तरफ लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने बिहार में चल रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर विरोध जताया और जम कर हंगामा किया।