जयपुर

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी फ्रांस और जर्मनी की संसदीय परंपराओं और पद्धतियों की सात दिवसीय अध्ययन यात्रा के बाद गुरुवार को तीन बजे दिल्ली पहुंचे, जहां से वे वायुयान से जयपुर लौटे। जयपुर हवाई अड्डे पर देवनानी की विशिष्ट सहायक के के शर्मा के साथ विधानसभा के अधिकारियों ने अगवानी की। देवनानी ने राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के तत्वाधान में फ्रांस और जर्मनी की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के अध्ययन के लिए यह यात्रा की।

इस यात्रा के तहत देवनानी ने दोनों देशों के सदनों के अवलोकन के साथ वहां के ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का दौरा भी किया। इस अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान देवनानी ने न केवल संसदीय संरचनाओं का अध्ययन किया, बल्कि भारतीय दृष्टिकोण से लोकतंत्र, सांस्कृतिक बोध और सामाजिक उत्तरदायित्व के मूल्यों को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावी ढ़ंग से प्रस्तुत किया।

वासुदेव देवनानी ने कहा कि इस अध्ययन यात्रा मैं उन्होंने भारत की चेतना को यूरोप की संसदों में स्पंदित होते अनुभव किया और राजस्थान की मिट्टी की महक वहाँ के लोकतंत्र में घुलती दिखी। राजस्थान केवल भौगोलिक इकाई नहीं बल्कि एक वैश्विक संस्कृति का वाहक है। उन्होंने लोकतंत्र के आधुनिक स्वरूप को भारत की परंपरा, सहिष्णुता, और सहभागिता के साथ जोड़ते हुए यूरोप में एक नया विमर्श आरंभ किया। देवनानी ने फ्रांस और जर्मनी के विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं अकादमिक संस्थानों का दौरा कर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं, संसदीय कार्यप्रणालियों और सामाजिक विकास के विविध पहलुओं का अध्ययन किया।

इस दौरान उन्होंने जर्मनी तथा फ्रांस की लोकतांत्रिक संस्थाओं का अवलोकन किया और वरिष्ठ सांसदों, नीति-निर्माताओं तथा भारतीय समुदाय के प्रतिनिधियों से संवाद भी किया। श्री देवनानी ने प्रवासी भारतीयों के सुझावों को सुना और संबंधित मंत्रीगण से उनके समाधान कराये जाने का भरोसा दिलाया। यह यात्रा ‘राजस्थान-2047 के वैश्विक नेतृत्व की ओर’ दृष्टिकोण के तहत राज्य के युवाओं, नीति-निर्माताओं और नागरिक समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।

0Shares