नई दिल्ली, 23 जनवरी 2022
गोधन न्याय योजना की थीम पर बनाई गई झांकी को देखकर लोगों ने जमकर तालियां बजाईं। झांकी में राज्य में संचालित गौठान की पूरी स्थिति को विस्तार से समझाया गया है।
गोबर से बने दीये, गोकाष्ठ, गाय, गौठान में काम करती स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और गोबर से बने उत्पादों को राजपथ पर प्रदर्शित की गई झांकी में दिखाया गया है।
छत्तीसगढ़ की झांकी में ग्रामीण संसाधनों के उपयोग के पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय को दिखाया गया है। गोबर और गाय के जरिये वैश्विक चिंताओं के समाधान का विकल्प झांकी के जरिये पेश किया गया है। झांकी के अगले भाग में गाय के गोबर को इक्ट्ठा करके उसका विक्रय करती हुई महिलाओं को दखिया गया है। झांकी में प्रदर्शित महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा पहने हुए हैं।
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गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना भूपेश सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत एक तरफ गांवों में जहां गौठान बनाकर गायों का संरक्षण किया जा रहा है। वहीं ग्रामीण और पशुपालकों को रोजगार भी मुहैया कराया जा रहा है। गोबर से उत्पाद बनाकर, गोबर से बने वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट की बिक्री करके खेती की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाया जा रहा है। भूपेश सरकार ने पूरे प्रदेश में 10591 गौठान बनाना तय किया है। जिसमें से 7933 गौठानों का सफल संचालन किया जा रहा है।
गोधन न्याय योजना की तारीफ देश, विदेश स्तर पर पहले ही राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा की जा चुकी है। पहली बार राजपथ पर गणतंत्र के अवसर पर पूरा देश गोधन न्याय योजना और गौठानों का महत्व परलक्षित होते हुए देखेगा।