रायपुर, 13 मई 2020
दूसरों की तकलीफों देखकर क्या आपका मन पीड़ा से तड़प उठता है, नि:स्वार्थ भाव से समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा क्या आपके मन में हिलोरें मारता है। क्या आप नर सेवा को नारायण सेवा और दूसरों की सेवा करने को अपना परम धर्म मानते हैं, अगर ऐसा है तो फिर नर्सिंग का पेशा आपके सुनहरे भविष्य का इंतजार कर रहा है। नर्सिंग दुनिया का सबसे ज्यादा सेवामयी पेशा है। मेडिकल का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां नर्सो की जरूरत न होती हो। यदि आपमें भी सेवा करने का जज्बा है तो इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं।
सेवा की भावना हो तो नर्सिंग को चुनें-
यह एक सम्मानजनक पेशा है जिसमें सेवा मूल भावना है। कोविड-19 महामारी के वक्त डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के प्रति लोगों के मन में सम्मान की भावना और ज्यादा मजबूत हुई है। डॉक्टर और नर्स इस वक्त जिस नि:स्वार्थ सेवा भाव से मरीजों की देखभाल में लगे हुए हैं, वह बेहद ही काबिले तारीफ है। दरअसल, नर्सिंग एक ऐसा पेशा है जिसकी सेवा भाव का मूल्य नहीं लगाया जा सकता है। जिस तरह डॉक्टर को समाज में भगवान का दर्जा प्राप्त है, उसी तरह नर्सों को भी बेहद सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। करियर के तौर पर नर्सिंग एक बेहतरीन विकल्प है।
12वीं के बाद लड़के और लड़कियां दोनों ही नर्सिंग क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में महज डॉक्टर और सर्जन ही शामिल नहीं होते, बल्कि इनके सहायक के तौर पर कई दूसरे लोग भी कार्य करते हैं। इन्हें भले ही डॉक्टरों के सामने नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन वे डॉक्टरों से कम सेवाभाव के साथ काम नहीं कर रहे होते। इस प्रकार के काम करने वालों के प्रोफेशन को पैरामेडिकल का नाम दिया जाता है। पैरामेडिकल की विविध शाखाओं में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, ऑडियोलॉजिस्ट एंड स्पीच थेरेपिस्ट, ऑप्टोमेट्रिस्ट, नर्सिंग, ऑपरेशन थियेटर सहायक इत्यादि का उल्लेख किया जा सकता है। मानव सेवा के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवकों और युवतियों के लिए नर्सिग भी एक बहुत ही अच्छा करियर है।
सेवा ही नर्सिंग की पहचान है।
जिस प्रकार एक मां अपने बीमार बच्चे की देखभाल करती है, ठीक उसी प्रकार नर्स मां के रूप में काम करती है, लेकिन इन्हें सिस्टर कहने का प्रचलन है। आज के हेल्थ केयर सिस्टम में नर्से महत्वपूर्ण जीवनदायनी भूमिका निभा रही हैं। दरअसल ये मरीज की शारीरिक पीड़ा को अच्छी तरह समझ कर उन्हें बीमारियों से लड़ने का एक मानसिक जज्बा भी देती हैं। किसी मरीज को ठीक करने में नर्सो का योगदान 60 प्रतिशत और डॉक्टर का योगदान केवल 40 प्रतिशत होता है। जो लड़कियां या लड़के सोशल वर्क को करियर के रूप में अपनाना चाहते हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन करियर साबित हो सकता है। आजकल जितनी तेजी से हेल्थकेयर सेंटरों का विकास हो रहा है, इससे असीम संभावनाओं के द्वार खुलने लगे हैं। एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ भारत में 2021 तक करीब दस लाख से अधिक प्रशिक्षित नर्सो की जरूरत होगी।
नर्सिंग में करियर
हेल्थ फिटनेस के प्रति बढ़ती जागरूकता के मद्देनजर नर्सिंग प्रोफेशनल्स के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है। ऐसे बहुत से प्रोफेशन हैं, जो सीधे-सीधे सेवा, सत्कार एवं देखभाल से जुड़े हुए हैं। नर्सिंग सेवा का सामाजिक अनुबंध होता है, जिसमें जीवन की रक्षा के गम्भीर उत्तरदायित्व शामिल होते हैं। सभी देशों में नर्सिंग कार्य प्रणाली के बारे में मौखिक या लिखित रूप में कुछ नियम-कानून बनाये गए हैं, जिनका राष्ट्र या राज्य स्तर पर नियमन किया जाता है। धैर्य एवं अनुशासन के दायरे में रहते हुए नर्स को टीम भावना के तहत काम करना होता है। डॉक्टरों की भांति यह काम भी परिश्रम और समर्पण की मांग करता है। मरीजों की देखभाल को न सिर्फ ड्यूटी, बल्कि आत्मिक रूप से भी स्वीकार करने की जरूरत होती है, जिसमें देर रात तक जाग कर मरीजों की देखभाल करना भी शामिल होता है।
क्या हो योग्यता
बीएससी इन नर्सिंग (बेसिक)- इसके लिए 12वीं में भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान के साथ 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। इस कोर्स की अवधि 4 साल की होती है।
बीएससी इन नर्सिंग (पोस्ट बेसिक) – इस दो वर्ष की अवधि के कोर्स के लिए 12वीं के साथ-साथ जीएनएम की डिग्री भी होनी चाहिए। यदि 12वीं और जीएनएम के साथ कम से कम 2 साल का अनुभव भी हो तो इसे दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से 3 वर्षों में पूरा किया जा सकता है।
एमएससी इन नर्सिंग – नर्सिंग में एमएससी करने के लिए नर्सिग में 55 प्रतिशत अंकों के साथ बीएससी की डिग्री के साथ-साथ एक साल का अनुभव भी आवश्यक है। इस कोर्स की अवधि 2 साल होती है।
कहां करें आवेदन
छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल प्रतिवर्ष नर्सिंग में प्रवेश के लिए आवेदन आमंत्रित करता है। वर्ष 2020-21 के नर्सिंग शैक्षणिक वर्ष के लिए छत्तीसगढ़ व्यापम की ओर से आवेदन मांगे गए हैं। अंतिम तिथि 31 मई 2020 तक है। प्री. बीएससी नर्सिंग प्रवेश परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन ऑनलाइऩ ही करना होगा, ऑफलाइन आवेदन मान्य नहीं होगें। प्रवेश परीक्षा में सफल उम्मीदवारों की काउंसिलिंग की जाएगी, इसी दौरान उन्हें चयनित कॉलेजों में सीटों का आवंटन किया जाएगा।
किस कॉलेज को दें प्राथमिकता
प्रदेश में 8 सरकारी नर्सिंग कॉलेजों के अलावा करीब 120 निजी नर्सिंग कॉलेज संचालित हैं। इनमें से बेहतर नर्सिंग कॉलेज का आप चयन कर सकते हैं। कॉलेज चयन के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। मसलन कॉलेज की रेपुटेशन कैसी है, कॉलेज में कितने वर्षों से नर्सिंग का कोर्स संचालित किया जा रहा है। कॉलेज में एमसीआई के नियमों के मुताबिक सुविधाएं हों। कॉलेज का कैंपस हरा-भरा, शोरगुल और प्रदूषण से दूर होना चाहिये, कॉलेज के पास हॉस्टल सुविधा, ट्रांसपोर्ट सुविधा, और अस्पतालों के साथ क्लीनिकल प्रैक्टिस का अनुबंध होना चाहिये। कॉलेजों के पिछले वर्षों के परीक्षा परिणाम और वहां के फैकल्टी सदस्यों की जानकारी जुटाकर आप अच्छे कॉलेज का चयन कर सकते हैं।
नर्सिंग इंस्टीटय़ूट में प्रवेश से पहले आप यह जांच लें कि वह मान्यताप्राप्त है या नहीं। यह भी पता कर लें कि क्या कॉलेज या इंस्टीटय़ूट उन सुविधाओं को प्रदान कर रहा है, जो इस कोर्स के लिए आवश्यक है। नर्सिंग से संबंधित कॉलेजों के बारे में जानने के लिए आप इंडियन नर्सिंग काउंसिल की वेबसाइट www.indiannursing council.org को भी देख सकते हैं।
कमी नहीं अवसरों की
हेल्थ सर्विस के बढ़ते नेटवर्क और सरकारी योजनाओं के कारण देश में नर्सों की मांग लगातार बढ़ रही है। यदि विश्व स्तर के आंकड़े देखें तो अगले साल तक लगभग दस लाख नर्सों की जरूरत होगी। बतौर नर्स किसी प्रोफेशनल को अस्पताल, नर्सिग होम, क्लिनिक, हेल्थ डिपार्टमेंट, पुनर्वास गृहों, मिल्रिटी ठिकानों, इंडस्ट्रियल हाउसेज, कारखानों, रेलवे और पब्लिक सेक्टर के मेडिकल डिपार्टमेंट, ट्रेनिंग इंस्टीटय़ूट आदि में काम करने का अवसर मिलता है। पटना मेडिकल कॉलेज में लम्बे अरसे से नर्स के रूप में काम करने वाली मनोरमा सिन्हा बताती हैं कि एक नर्सिंग प्रोफेशनल को कई रूपों में सेवा के अवसर मिलते हैं, जैसे एडल्ट नर्स, मेंटल हेल्थ नर्स, चिल्ड्रन नर्स, डिस्ट्रिक्ट नर्स, हेल्थ विजिटर, स्कूल नर्स, हेल्थ केयर असिस्टेंट, लर्निंग डिसेबिलिटी नर्स, नियोनेटल नर्स, टीचिंग असिस्टेंट आदि। कुछ सालों का अनुभव हो जाने के बाद टीम को मैनेज करने का मौका भी मिलता है।
कोर्स की रूपरेखा
नर्सिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा, अंडर ग्रेजुएट एवं सर्टिफिकेट आदि कई तरह के कोर्स होते हैं, जिनमें से छात्र अपनी योग्यता और रुचि के अनुसार चुनाव कर सकते हैं। नर्सिंग में बीएससी करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स भी किया जा सकता है। इसके तहत डाइटेटिक्स, कार्डियोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक्स, ऑप्थेल्मोलॉजी, ऑथरेपेडिक्स आदि विभिन्न क्षेत्रों में से किसी में भी विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है। पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद इस क्षेत्र में एमफिल और पीएचडी करने की भी सुविधा रहती है। अधिकांश अच्छे संस्थानों में दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिया जाता है। हां, योग्यता संबंधी न्यूनतम अंकों के प्रतिशत में संस्थान के अनुसार भिन्नता हो सकती है।
वेतन व सुविधा
निजी नर्सिंग होम्स में काम करने वाली नर्सों को शुरुआती दौर में 10,000 से 15,000 रुपये तक वेतन मिलता है, वहीं सरकारी अस्पतालों में काम करने वाली नर्सों को 35,000 रुपये तक मासिक वेतन मिलता है। इसके अलावा कुछ अस्पताल फ्री-मेडिकल ट्रीटमेंट तथा रहने-खाने की सुविधा आदि भी प्रदान करते हैं। यदि आप विदेश में काम करने के इच्छुक हैं तो आप शुरुआती दौर में भारतीय मुद्रा के अनुसार 75,000 से 1,25,000 रुपये तक कमा सकते हैं। वैसे इस क्षेत्र में अनुभव प्राप्त करने के बाद आप और भी अधिक वेतन पा सकते हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
यदि आप में मानव सेवा की भावना, स्वभाव से विनम्रता, मरीजों में आत्मविश्वास जगाने की क्षमता जैसे गुण हों तो नर्सिंग में आपका स्वागत है। पहले दक्षिण और पश्चिम भारत में नर्सिग कॉलेजों की अधिकता थी, लेकिन अब इसका विस्तार उत्तर और पूर्व भारत में भी होने लगा है। जैसे-जैसे हम विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे मेडिकल के क्षेत्र में भी विकास हो रहा है। इस कारण अब पहले से ज्यादा नर्सों की मांग हो रही है। यहां आपको पैसा तो मिलता ही है, साथ ही लोगों की दुआएं भी मिलती हैं। नर्सिंग का काम थोड़ा चुनौतीपूर्ण व तनावपूर्ण जरूर है, लेकिन हमें उन रोगियों की देखभाल तथा डॉक्टरों के साथ काम करना होता है, जो खुद ही तनावपूर्ण स्थितियों में होते हैं। ऐसी स्थिति में भी हमें सकारात्मक रवैया अपनाते हुए उनकी सेवा करनी होती है।