रायपुर

प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री व रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत ने राजधानी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्काई-वॉक के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति देते हुए 37 करोड़ रुपए का आवंटन करने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री/लोक निर्माण मंत्री अरुण साव का आभार मानते हुए इस योजना को लेकर कांग्रेस के शासनकाल में की गई राजनीति और इस काम में अड़ंगेबाजी को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है।

भाजपा विधायक मूणत ने शनिवार को यहाँ एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में आहूत पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि डेवलपमेंट विजन के साथ स्काई वॉक निर्माण कार्य डॉ रमन सिंह के के मुख्यमंत्रित्व काल में सरकार की प्रक्रियाओं का शत-प्रतिशत पालन किया गया था। मूणत ने साफ-साफ शब्दों में कहा है कि अब इस काम की लागत में जो बढ़ोतरी होगी, उसके लिए कांग्रेस की पिछली भूपेश सरकार जिम्मेदार होगी और कांग्रेस इस जवाबदेही से कतई नहीं बच सकती। 2016-17 में बजट में प्रावधान करके शास्त्री चौक से जयस्तंभ चौक और शास्त्री चौक से जेल तिराहे तक जो लोग पैदल चलते हैं, उसके कारण ट्रैफिक डिस्टर्ब होता है, तेज रफ्तार वाहनों के कारण दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है, उस दृष्टि से अध्ययन करने के उपरांत 2016-17 में बजट में इसका प्रावधान किया गया। सरकार ने उसकी प्रशासनिक स्वीकृति जारी की। उसी वर्ष प्रशासनिक एजेंसी ने सर्वे करने के लिए एजेंसी का टेंडर आमंत्रित किया, जिसमें दो एजेंसी ने भागीदारी की। स्काई व़क की उपयोगिता और आवश्यकता पर डिटेल सर्वे आया।

मूणत ने कहा कि विधानसभा में कभी भी कांग्रेस पार्टी के किसी नेता ने कोई सवाल नहीं उठाया। कभी कोई बात नहीं की। मूणत ने बताया कि सर्वे आने के बाद इसके तीन प्रेजेंटेशन इस रायपुर शहर के अंदर हुए, जिसमें नगर निगम के उस समय की महापौर डॉ किरणमयी नायक, सत्यनारायण शर्मा, प्रमोद दुबे, निगम कमिश्नर, कलेक्टर, यातायात विभाग के अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सब लोगों ने संयुक्त रूप से इस प्रेजेंटेशन को देखा और सब लोगों ने अपने सुझाव के अनुसार उसमें सुझाव भी दिए। उन सुझावों का समावेश करने के उपरांत फाइनल उसका प्राक्कलन (इस्टीमेट) बनाकर राज्य सरकार को टेंडर की प्रक्रिया और प्रशासनिक स्वीकृति के लिए आवेदन किया गया। पीडब्ल्यूडी द्वारा उसकी प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के उपरांत टेंडर हुआ। 2017 में यह काम चालू हुआ। जिस दिन उसका भूमिपूजन हुआ, उस दिन रायपुर के समाचार पत्रों में विज्ञापन के साथ-साथ पूरी डिटेल जनता के बीच रखी गई।

0Shares