हर ब्लॉक की पहचान होगा एंटरप्रेन्योर! सरकार की इस पहल से नौकरी देने वाला बनेगा बिहार का युवा। अब माइग्रेशन नहीं, इनोवेशन से पहचाना जाएगा बिहार! जानिए बिहार सरकार ने ऐसा क्या किया। बिहार आइडिया फेस्टिवल से शुरू हुई नई यात्रा, युवाओं को स्टार्टअप के लिए मिलेगी 10 लाख की फंडिंग। बिहार में स्टार्टअप क्रांति को लगा डिजिटल पंख, लॉन्च हुआ ‘बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल’। ट्रेनिंग और मेंटॉरशिप से गांवों में भी पनपेगा स्टार्टअप का बीज जानिए क्या है ये योजना
वेब रिपोर्टर डेस्क
पटना: बिहार सरकार ने युवाओं के भविष्य को लेकर एक नया क्रांतिकारी कदम उठाया है। राज्य में स्टार्टअप और उद्यमिता को नई उड़ान देने के ‘बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल’ लांच किया गया है। इस पोर्टल के जरिए नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को गांव-गांव तक ले जाने का प्रयास किया जाएगा। यहां न केवल युवाओं के बिजनेस आइडियाज को मंच मिलेगा, बल्कि सरकार की ओर से उन्हें फंडिंग, ट्रेनिंग और बिजनेस मेंटॉरशिप भी दी जाएगी।
बिहार आइडियाज फेस्टिवल पोर्टल का आज से लांच
राज्य के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने सोमवार को पटना स्थित विकास भवन में ‘बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल’ औपचारिक लांच कर दिया गया है। यह डिजिटल प्लेटफॉर्म युवाओं, छात्राओं, स्टार्टअप्स, स्वयं सहायता समूहों और उद्यमियों को सीधे उद्योग विभाग की योजनाओं से जोड़ने का माध्यम बनेगा।
बिजनेस आइडिया के लिए मिलेंगे 50 करोड़!
इस पोर्टल की शुरुआत उस समय की गई है, जब बिहार आइडिया फेस्टिवल 2025 अपने अंतिम चरण में है। यह फेस्टिवल अब तक राज्य के 24 जिलों में आयोजित किया जा चुका है। इस मेले के दौरान युवाओं से बिजनेस के आइडियाज लिए गए हैं। व्यवसाय के इन विचारों में से चयनित कर प्रतिभागियों को 50 करोड़ रुपये से अधिक के सरकारी सहयोग और निवेशक संपर्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनेगा बिहार
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि इस अभियान की शुरुआत ‘बिहार आइडिया फेस्टिवल’ से हो चुकी है। हमने इस बिहार आइडिया फेस्टिवल पोर्टल के जरिए हर ब्लॉक से कम से कम एक युवा उद्यमी तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। जो नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनेगा। नीतीश मिश्रा ने, ‘हमारे गांवों में जबरदस्त प्रतिभा छिपी है। हमें सिर्फ उन्हें मौका और दिशा देने की जरूरत है। अब युवा पलायन नहीं करेगा, बल्कि अपने गांव में ही रोजगार के अवसर पैदा करेगा।’
सरकार की यह पहल कई मायनों में ऐतिहासिक है
- प्रत्येक ब्लॉक से एक सफल एंटरप्रेन्योर तैयार करने का लक्ष्य
- अगले 2–3 वर्षों में 1000+ स्थानीय स्टार्टअप्स की संभावना
- ग्रामीण युवाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाने का रोडमैप
- स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन की नई लहर
क्यों खास है यह योजना?
गौर करने वाली बात ये है कि आज भी कई ग्रामीण युवा और बेहतरीन विचार संसाधनों के अभाव में पीछे रह जाते हैं। मगर सरकार की इस योजना से अब ऐसा नहीं हो सकेगा। सरकार उनके इनोवेटिव आइडियाज की पहचान करेगी। और उनके आइडियाज को व्यवसाय के रूप में बदलने की राह आसान करेगी। इसमें गांव, कस्बे और छोटे शहर भी उद्यमिता के केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना सकेंगे।
भविष्य की तस्वीर
अगर हर ब्लॉक से एक उद्यमी भी सफल होता है, तो आने वाले कुछ सालों में बिहार न केवल पलायन खत्म हो जाएगा। बल्कि ‘इनोवेशन हब’ के रूप में पहचाना जाएगा। युवाओं की ऊर्जा, सरकार की रणनीति और सामाजिक भागीदारी मिलकर एक नए बिहार की तस्वीर तैयार करेंगे।