रायपुर, 3 मई 2022

मई माह में झुलसाती गर्मी और बिजली संकट के बीच बेरोजगारी के बढ़े हुए करंट ने हिंदुस्तान की रीढ़ पर करारा प्रहार किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी यानि CMIE ने अप्रैल माह के आंकड़े जारी किये हैं। इन आंकड़ों में हिंदुस्तान में बेरोजगारी की भयावहता दिखाई दे रही है। CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च के मुकाबले अप्रैल माह में हिंदुस्तान में बेरोजगारी दर और बढ़ गई है।

मार्च महीने में हिदुस्तान की बेरोजगारी दर 7.60 फीसदी थी जो कि अप्रैल माह में बढ़कर 7.83 फीसदी हो गई है। देश में बेरोजगारी दर बढ़ने का सीधा सा अर्थ है कि लोगों को नौकरी नहीं मिल पा रही हैं। फिर चाहे पर सरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र हो।

शहरी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी- (CMIE) (सीएमआईई) के अप्रैल के आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) 9.22 फीसदी हो गई जबकि मार्च में यह 8.28 फीसदी पर थी।  इसके उलट ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अप्रैल में घटकर 7.18 फीसदी पर आ गई, मार्च में यह 7.29 फीसदी रही थी।

अक्षय तृतीया पर सोना बेचकर लाभ कमाने की सोच रहे हैं तो मुनाफे पर टैक्स बचाने के लिए ये खबर जरूर पढ़ें।

देश के इन राज्यों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी 
सीएमआईई के मुताबिक, हरियाणा में सबसे ज्यादा 34.5 फीसदी बेरोजगारी दर दर्ज की गई है, उसके बाद राजस्थान 28.8 फीसदी बेरोजगारी दर के साथ दूसरे स्थान पर है, बिहार 21.1 फीसदी के साथ तीसरे और जम्मू-कश्मीर 15.6 फीसदी के साथ चौथे स्थान पर है,

श्रम भागीदारी दर और रोजगार दर में भी हुआ इजाफा
सीएमआईई के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने कहा कि अप्रैल में श्रम भागीदारी दर और रोजगार दर में भी बढ़ोतरी देखी गई है, उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इसे एक अच्छी प्रगति बताया है. महेश व्यास ने कहा कि अप्रैल, 2022 में रोजगार दर 37.05 फीसदी पर पहुंच गई जो एक महीने पहले 36.46 फीसदी पर थी.

0Shares