रायपुर, 3 जुलाई 2021

प्रदेश में यूनिक लैंड पार्सल आईडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN) योजना की शुरुआत हो गई है। कवर्धा (कबीरधाम) जिले के गांव अगरीकला से छत्तीसगढ़ में इस योजना की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल ओपनिंग सेरेमनी में योजना का शुभारंभ किया। गौरतलब है कि ‘विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या’ (Unique Land Parcel Identification Number– ULPIN) योजना को 10 राज्यों में शुरू किया गया है। जिसे मार्च 2022 तक संपूर्ण देश में लागू किया जाना है।

अब सीधे खोजें अपनी जमीन

यूनिक लैंड पार्सल आईडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN) के जरिये अब लोगों को जिला, तहसील, राजस्व निरीक्षक मंडल एवं ग्राम का चयन किए बिना ही सीधे भूखंड की जानकारी हासिल हो सकेगी। जबकि इससे पहहले भूखंड की पहचान जिला, तहसील, राजस्व निरीक्षक मंडल और ग्राम के कॉम्बिनेशन से प्राप्त खसरा नंबर से होती थी।

जमीन के हर टुकड़े का यूनिक आईडी
यूनिक लैंड पार्सल आईडेंटिफिकेशन नंबर योजना प्रत्येक भूखंड के जियो-रिफरेंस लैट्टियूड या लांगिट्यूड कोर्डिनेंट्स के आधार पर कम्यूटरीकृत 14 अंकों का यूनिक आईडी ऑटोजनरेट होता है। प्रत्येक भूखंड को यूएलपीआईएन नंबर दिए जाने से भूखंड से संबंधित समस्त जानकारी एक ही नंबर से प्राप्त की जा सकेगी। जियो रिफरेंस के साथ प्रत्येक भूखंड के यूएलपीआईएन नंबर दिए जाने से भूखंड की वास्तविक स्थिति आसानी से उपलब्ध होगी।

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जमीन के झगड़े होंगे समाप्त

इसकी सहायता से भूमि संबंधी महत्वपूर्ण विभागीय कार्यों का निष्पादन पारदर्शिता के साथ सफलतापूर्वक किया जा सकेगा। यूएलपीआईएन नंबर से शासकीय भूमि की पहचान सरलापूर्वक की जा सकती है, जिससे शासकीय भूमि पर अवैध तरीके से होने वाले पंजीयन अथवा अतिक्रमण को रोका जा सकता है। अन्य विभागों जैसे-पंचायत, पंजीयन, वन, सर्वे, नगर निगम इत्यादि द्वारा भूमि संबंधी जानकारी प्राप्त कर विभिन्न विभागीय कार्यों का निष्पादन करना लाभप्रद होगा। सर्वे के बाद प्राप्त भूखंड नक्शों को गूगल मैप पर प्रतिस्थापित करने पर भूखंड की सीमा की वास्तविक स्थिति प्रदर्शित होती है।

 

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