चमोली, 3 मई 2022
बीते दो सालों से कोविड महामारी के कारण बाधित रही चारधाम यात्रा में इस बार रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसके मद्देनजर उत्तराखंड की धामी सरकार ने प्रत्येक धाम में प्रतिदिन दर्शन करने के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी है, तो वहीं इसका निर्विघ्न संचालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने भी सत्यापन अभियान चलाकर करीब ढाई हजार संदिग्धों की पहचान कर उनमें से 10 को गिरफ्तार किया है।
उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट आज सुबह सवा ग्यारह बजे खोले गए जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर में 12:15 पर खोले गए। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के प्रवक्ता डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मंदिर के कपाट छह मई को प्रात: 6:15 पर खुलेंगे. जबकि चमोली जिले में बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई को सुबह 6:25 मिनट पर खोले जाएंगे.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कही ये बात
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में चारधाम यात्रा को लेकर पूरी तैयारियां कर ली गयी हैं. इसके साथ उन्होंने कहा, ‘इस वर्ष चारधाम में लाखों श्रद्धालु आएंगे जिन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने पूरे इंतजाम किये हैं.’
श्रद्धालुओं की संख्या की गई तय
इस बीच, चारधामों के लिए पर्यटन विभाग के आनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण के लिए उमड़ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर राज्य सरकार ने धामों में प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या तय कर दी है. प्रदेश के संस्कृति और धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल द्वारा इस संबंध में जारी एक आदेश के अनुसार, बदरीनाथ में प्रतिदिन अधिकतम 15000 श्रद्धालु, केदारनाथ में 12000, गंगोत्री में 7000 और यमुनोत्री में 4000 तीर्थयात्री दर्शन कर सकेंगे. इसके साथ उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के परिवहन, ठहरने, भोजन, पार्किंग, प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं मंदिर में दर्शन की क्षमता तथा मंदिर परिसर की क्षमता को देखते हुए, यह निर्णय किया गया है. उन्होंने बताया कि फिलहाल यह व्यवस्था शुरुआती 45 दिनों के लिए बनाई गयी है.
2526 लोग पाए गए संदिग्ध
उधर, चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले पुलिस द्वारा प्रदेश में बाहर से आए लोगों के भौतिक सत्यापन के लिए चलाए गए अभियान में कुल 2526 लोग संदिग्ध पाए गए जिनमें से 10 को गिरफ्तार किया गया. पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 21 अप्रैल से चलाए गए 10 दिवसीय अभियान के दौरान मिले शेष संदिग्धों के विरूद्ध पुलिस अधिनियम तथा अन्य अधिनियमों के तहत कार्यवाही की गयी है. इस दौरान पिछले 10 वर्षों में प्रदेश में आने वाले नौकरीपेशा, व्यापारी, रेहड़ी, ठेली लगाने वालों, मजदूरों तथा किरायेदारों का सत्यापन किया गया.
इससे पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमारा राज्य शांत रहना चाहिए तथा धर्म और संस्कृति बची रहनी चाहिए.हम कोशिश करेंगे कि बाहर से आने वाले लोगों का ठीक प्रकार से सत्यापन हो और ऐसे लोग यहां न आ पाएं जिनके कारण राज्य में वातावरण खराब हो.उत्तराखंड को एक शांतिप्रिय राज्य के साथ ही धर्म और संस्कृति का केंद्र बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां उपद्रवियों,अतिक्रमणकारियों और धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के लिए कोई स्थान नहीं है.