रायपुर, 2 जून 2020
छत्तीसगढ़ में अपनी खोई हुई सियासी जमीन वापस पाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने सूबे में अपना सिपहसालार बदल दिया है। भाजपा अध्यक्ष जय प्रकाश नड्डा ने पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री और आदिवासी नेता विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है।
जशपुर जिले के बगिया में 21 फरवरी 1964 को विष्णुदेव साय का जन्म रामप्रसाद साय और जसमणि देवी के घर हुआ था। 27 मई 1991 को कौशल्या देवी के साथ विष्णुदेव साय परिणय सूत्र में बंधे। एक पुत्र और दो पुत्रियों के पिता विष्णुदेव साय ने 12वीं कक्षा तक शिक्षा ग्रहण की है। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय विष्णुदेव साय दो बार विधायक चुने गए। 1999 में पहली बार 13वीं लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित हुए। 2004 में दूसरी बार लोकसभा के लिए सांसद चुने गए। 2009 में 15वीं लोकसभा के लिए तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए। मई 2014 में मोदी लहर में चौथी बार लोकसभा की सीढ़ियां चढ़कर संसद पहुंचे। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट ही नहीं मिल पाया।
तीसरी बार मिली प्रदेश की कमान
विष्णुदेव साय 2009 एवं 2013 में छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं। इस बार तीसरी बार उन्हें बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होनें रायगढ़ लोकसभा में 20 साल तक एकछत्र राज किया। विष्णुदेव साय बेदाग छवि और उनकी मिलनसार नेता के रूप में जाने जाते हैं।
मजबूत आदिवासी चेहरा
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के बुरी तरह हारने के बाद पार्टी की सबसे ज्यादा बुरी हालत आदिवासी बहुल इलाकों में ही हुई थी। इसी को देखते हुए भाजपा ने पहले धरमलाल कौशिक को पद से हटाकर विक्रम उसेंडी को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर बिठाया। उसेंडी लोकसभा चुनाव में ठीक-ठाक परिणाम दिलाने में कामयाब रहे। लेकिन निगम, निकाय और पंचायत चुनावों में वे कुछ कमाल नहीं कर पाए। उसेंडी संगठन को एकजुट करने और सबको साथ लेकर चलने में भी नाकाम साबित हुए। इसी के बाद पार्टी ने विष्णुदेव साय के रूप में एक मजबूत आदिवासी चेहरे को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी है। विष्णुदेव साय के कंधों पर काम करने के लिए लंबा वक्त है और जिम्मेदारी भी है कि पार्टी की खोई हुई साख और गरिमा को वापस प्रदेश में लौटाया जा सके। इसके अलावा एक खास बात ये भी है कि विष्णुदेव साय डॉ. रमन सिंह के खास और करीबी माने जाते हैं। इससे पार्टी को चुनावी रणनीति बनाने में सहूलियत होगी। माना जा रहा है कि 2023 का विधानसभा चुनाव भाजपा विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ही लड़ेगी।