पखांजुर: कांकेर जिले के अंतर्गत पखांजुर में एक ऐसा परिवार है जो शासन.प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है। लेकिन जिम्मेदार सुनने को तैयार नहीं। मामला कोयलीबेड़ा विकाशखण्ड के मटोली गांव का है जहाँ एक ऐसा परिवार है जिसमे 4 लोगों में से 3 लोग अपाहिज़ हैं। लगभग 50 वर्षों से जिस जमीन में ये परिवार जीवनयापन कर रहा है। परिवार का मुखिया केदारनाथ अपाहिज़ है लेकिन परिवार के भरण पोषण के लिए एक निजी स्कूल में चौकीदार की नौकरी करता है। जिससे वो बड़ी मुश्किल से परिवार को दो जून की रोटी की व्यवस्था कर पता हैं।

इस परिवार में केदारनाथ की पत्नी और एक बेटी भी अपाहिज है जो बोल सुन नही सकती। अपंगता कम थी की बरसात में माटी की बानी दिवार भी टूट गई जिसके बाद अब दो-दो जवान बेटियों की सुरक्षा को लेकर केदारनाथ की चिंता बढ़ी हुई है। फ़िलहाल इस बरसात में पन्नी के सहारे एक झोपड़ी में रहने को विवश है परिवार।

मौके का फायदा उठाते हुए पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा जमीन पर कब्ज़ा कर लिया गया है और दीवार भी खड़ी कर दी है अपाहिज़ और बेसहारा का फायदा उठाकर पड़ोस में रहने वाले किसी व्यक्ति द्वारा जमीन पर कब्ज़ा कर लिया गया है और दीवार भी खड़ी कर दी गई है। लेकिन 50 साल से जिस जमीं पर गुजर बसर किया है उसे कैसे छोड़ दें।

अपने हक़ के लिए शिकायत करने केदारनाथ ने न्यायलय का दरवाजा खटखटाया है जिस पर फ़िलहाल स्टे मिल गया है, लेकिन अपंगता और गरीबी की वजह से केदारनाथ का परिवार कोर्ट कचेहरी के चक्कर काटने में भी असमर्थ है। वही दूसरी ओर न्याय पाने की उम्मीद में न्यायलय की चौखट पर आशा भरी निगाहें जमी हुई हैं।

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By Admin

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