बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में करीब सवा साल पहले एक बच्चे की हत्या का मामला अब पुलिस ने सुलझाया है। पुलिस ने आरोपी की एक शब्द की गलती के कारण हत्या का मामला सुलझा लिया और हत्यारोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। मामला बलरामपुर जिला के सामरी थाना क्षेत्र अंतर्गत सुलगडीह का है जहां बीते वर्ष अप्रैल महीने में एक तीन वर्षीय मासूम लापता हो गया था। लापता मासूम की उसके परिजनों और पुलिस ने काफी तलाश की लेकिन बच्चे का सुराग नहीं मिला। करीब सवा वर्ष बीत जाने पर बात बात में ही आरोपी ने किसी को कह दिया कि उसने ‘बड़ा पूजा’ किया है।

यह बात जब लापता मासूम के परिजनों को पता चली तो उसने पुलिस को बताया और फिर पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझा ली। आरोपी ने बताया कि वह अंधविश्वास में आ कर बच्चे की नरबलि दी थी। आरोपी राजू कोरवा ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसका बेटा लंबे समय से बीमार चल रहा था। उसे मिर्गी की बीमारी थी। उसका इलाज कई डॉक्टरों से कराया लेकिन ठीक नहीं हो रहा था। इसी बीच उसे किसी ने महादानी देवता को बच्चे की बलि देने पर बेटा के ठीक हो जाने की बात बताई।

मामले में मृतक मासूम के परिजन बीरेंद्र नगेशिया ने बताया कि वह अपनी दयामुनी के साथ इलबासा जंगल में झोपड़ी बना कर रहता था। बीते 1 अप्रैल को उसका 3 वर्ष का बेटा लापता हो गया। उसकी काफी खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चला। बाद में मामले की शिकायत पुलिस में की। पुलिस ने भी मासूम की तलाश की लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला।

मामले में बलरामपुर एसपी वैभव बैंकर ने बताया कि गुमशुदगी के बाद लगातार खोजबीन की जा रही थी। इस बीच मृतक के दादा और एक सहयोगी को सूचना मिली कि राजू कोरवा ‘बड़ा पूजा’ की बात कर रहा है। बड़ा पूजा का मतलब नर बलि होता है। उन्होंने बताया कि आरोपी राजू कोरवा ने गांव में ही किसी को बता दिया कि उसने अपने बेटे को ठीक करने के लिए बड़ा पूजा की है जिसके बाद यह बात पूरे गांव में फैल गई। जब इस बात की जानकारी लापता बच्चे को परिजनों को चली तो उन्होंने पुलिस को बताई। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और पूछताछ की। पहले तो आरोपी ने कहा कि उसने नशे की हालत में ऐसी बात कही है लेकिन सख्ती से पूछताछ पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

बलरामपुर एसपी वैभव बैंकर ने बताया कि पूछताछ में राजू कोरवा ने बताया कि, उसका बड़ा बेटा बचपन से मानसिक रूप से बीमार था। उसने बहुत इलाज कराया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसी दौरान उससे किसी ने कहा कि महादानी देवता को बच्चे की बलि देने से तेरा बेटा ठीक हो जाएगा। जिसके बाद वह अंधविश्वास में आ गया और बच्चे को ठीक करने के लिए उसने पूरी वारदात को अंजाम दिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि हत्या करने के बाद उसने बच्चे के धड़ को नाले के पास दफन किया दिया और सिर को अपने घर में लाकर सुरक्षित रख लिया। बाद में जब बच्चे की तलाश शुरू हुई तो पकड़े जाने के डर से उसने बच्चे के सिर को भी नाले में दफना दिया

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