झुंझनू: संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने अपना इस्तीफा दे दिया। जगदीप धनकड़ के इस्तीफे के बाद देश भर के सियासी गलियारे में सनसनी फैल गई। एक तरफ विपक्ष ने साजिश के तहत उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के इस्तीफे की बात कही है तो दूसरी तरफ उनके पैतृक गांव के लोग भी स्तब्ध हैं। उप राष्ट्रपति के पैतृक गांव राजस्थान के झुंझनू के किठाना गांव में लोग सहज विश्वास ही नहीं कर पा रहे हैं। इस्तीफे की खबर सामने आने के बाद उनके गांव के लोग सूचना की पुष्टि करने में जुटे हुए हैं।उप

राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के भतीजे हरेंद्र धनकड़ ने बताया कि किठाना ही नहीं बल्कि आसपास के इलाके के लोगों के भी लगातार फोन आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह सच है कि इन दिनों उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की तबीयत नासाज थी। जिसे लेकर उनकी पत्नी डॉ सुदेश धनखड़ काफी चिंतित थीं, लेकिन इस्तीफा भी देंगे, ऐसा कोई सोच भी नहीं सकता था। उन्होंने बताया कि इसी महीने के पहले सप्ताह में जब उप राष्ट्रपति की पत्नी डॉ सुदेश धनखड़ गांव आई थीं। तब वे तीन दिन तक गांव में रुकी थीं। गांव के मंदिर में भी जाकर आई थी। तब उन्होंने बातों ही बातों में यह जरूर बताया था कि अब उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का पहले की बजाय ज्यादा ख्याल रखना पड़ेगा। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। मार्च में उनका हार्ट का आपरेशन हुआ था। तो वहीं पिछले महीने उत्तराखंड में उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई थी।

गांव में उनके इस्तीफे की खबर के बाद निराशा का माहौल है। धनखड़ ने हमेशा किठाना गांव के विकास की सोच रखी। उप राष्ट्रपति बनने के बाद गांव में ऐतिहासिक कार्य करवाने में धनखड़ का योगदान रहा। बता दें कि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का झुंझुनूं को लेकर प्रेम रहा है। उप राष्ट्रपति बनने के बाद वे सात बार झुंझुनूं आए। इनमें तीन बार तो वे विद्यार्थियों से रूबरू होने ही झुंझुनूं आए और उन्हें मोटिवेट किया।

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