बैकुंठपुर, 25 अप्रैल 2021

कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित मरीज अपनी और अपनों का इलाज कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। एक अदद बेड, इंजेक्शन, दवाई और ऑक्सीजन की आपूर्ति पाने के लिए मरीजों के परिजनों का हाल-बेहाल हो जा रहा है, वहीं प्रदेश में कुछ अफसर ऐसे हैं जिनकी ड्यूटी कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल करने में लगी तो है, लेकिन ये अफसर अपने रिश्तेदारों को कोविड सेंटरों में वीआईपी ट्रीटमेंट मुहैया करा रहे हैं।

आम मरीज और खास मरीज, ये फर्क क्यों ?

एक ही कोविड सेंटर में आम मरीज और खास मरीज के लिए अगर-अलग इंतजाम अफसरों के द्वारा किये जा रहे हैं। इसकी जानकारी मिलने पर दो अलग-अलग न्यूज़ चैनलों से जुड़े पत्रकारों ने जब इसकी खबर ब्रेकिंग न्यूज़ बनाकर दिखाई तो महिला अफसर भड़क गईं। महिला अफसर ने पहले तो पत्रकारों को फोन करके अफसरी भाषा में समझाया कि जिनकी खबर दिखा रहे हो वो उनके रिश्तेदार हैं और इलाहाबाद से आए हैं।

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रपत्रकारों ने अफसर से जब कुछ ज्यादा जानकारी मांगी तो अफसर ने उन्हें सीएमओ के पास जाने को कह दिया। लेकिन तब तक न्यूज़ चैनल पर वीआईपी ट्रीटमेंट की खबर ब्रेक हो चुकी थी। इससे बौखलाई महिला अफसर ने दोनों पत्रकारों इंडिया न्यूज़ के सिकंदर खान औऱ INH न्यूज़ चैनल के पत्रकार रविकांत सिंह को थाने पहुंचवा दिया। थाने में दोनों पत्रकारों को घंटो तक बिठाये रखा गया। दोनों पत्रकारों पर कोविड नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा दिया गया।

कप्तान की दखलंदाजी से बाहर आए पत्रकार

लेकिन जब कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी कर रहे नगर पालिका के कर्मचारियों ने थाने में जाकर कहा कि दोनों ही पत्रकारों में से कोई भी न तो कोविड सेंटर के अंदर गया है, न दीवार फांदकर और न ही मुख्य गेट से। दोनों ही पत्रकारों के द्वारा कोविड सेंटर में घुसकर किसी तरह का वीडियो ही नहीं बनाया गया है। तब जाकर महिला अफसर बैकफुट पर आईं। इस बीच पत्रकारों ने जिले के कप्तान चंद्रमोहन सिंह को इसकी सूचना पहुंचा दी। कप्तान के हस्तक्षेप के बाद दोनों पत्रकारों को थाने से घर जाने दिया गया। एसपी ने पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से रिपोर्टिंग करने की छूट दिये जाने की बात भी कही।

ये हैं वो महिला अफसर

जिन महिला अफसर का जिक्र यहां किया गया है, वो महिला अफसर एसडीएम नयनतारा सिंह तोमर हैं। औऱ जिस कोविड सेंटर में कोविड नियमों के उल्लंघऩ का आरोप पत्रकारों पर लगाया गया है। वो कोविड सेंटर मनेन्द्रगढ का कन्या छात्रावास है। जिसे क्वारेंटीन सेंटर बनाया गया है। इस सेंटर में किसी भी प्रकार का सूचना बोर्ड नहीं लगा है।

पत्रकारों को जानकारी मिली थी कि उत्तर प्रदेश से आए कुछ लोगों को कन्या छात्रावास क्वारेंटीन सेंटर में वीआईपी ट्रीटमेंट के साथ रखा गया है। इन 4 लोगों में से एक व्यक्ति पॉजीटिव पाया गया है। जिसके बाद इऩ सभी को बैकुंठपुर शिफ्ट किया गया। नगर पालिका के कर्मचारियों को इन मरीजों की सेवा सत्कार में तैनात किया गया था।  पत्रकारों ने कुछ अहम सवाल अपनी रिपोर्टिंग में उठाए थे।

आखिर यूपी से आने की अनुमति किसने दी?

थाने से बाहर आए पत्रकार सिकंदर खान ने प्रशासन से सवाल किया, कि जब कोरिया जिले का बॉर्डर सील है तो यूपी से कोरिया में आने की अनुमति किसने दी ?

16 अप्रैल से वो सब यहां क्वारेटीन सेंटर में रखे गए है, उनके सेवा में लगे नगर पालिका के कर्मचारियों की जांच अब तक क्यो नहीं हुई?

बाहर से आए लोगों के झूठे बर्तन और तमाम काम करने वालों यदि संक्रमित होते है तो इसके लिए किसे जिम्मेदार माना जाएगा?

पत्रकारों का कहना है आम आदमी को अनुमति लेने तमाम भाग दौड करनी पड रही है। ई-पास और ना जाने क्या क्या, ऐसे में यहां रखे गए लोगो को वीआईपी ट्रीटमेंट क्यों?

उन्होने पूछा कि कोविड नियमों को खुलेआम उलंघ्घन पर अधिकारी पर कार्यवाही प्रशासन कब करेगा?

कई नेता आए पत्रकारों के समर्थन में

पत्रकारों को थाने में बिठाए जाने को लेकर भाजपा उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी सबसे पहले सामने आए उन्होेने कहा कि भाजपा के जिला अध्यक्ष कृष्ण बिहारी जायसवाल को उन्होने अवगत कराया है। पत्रकारों का थाने में बिठाना आपत्तिजनक है, किसी अधिकारी के रिश्तेदार को कोविड गाईडलाइन का उलंघ्घन करने की खबर यदि कोई पत्रकार बनाता है तो उसे दादागिरी के तहत थाने में बिठाना गलत है।

यदि प्रशासन पत्रकारोे के खिलाफ कोई कार्यवाही करता है तो भाजपा इसका विरोध करेगी। वहीं भाजयुमो के नेता शारदा गुप्ता ने प्रशासनिक अधिकारी के नियम विरूद्ध तरीके से कोविड नियमों के उलंघ्घन किए जाने पर पत्रकारों के थाने में बिठाने का विरोध किया, इसके लिए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजकुमार केशरवानी ने भी मामले में कडी आपत्ति दर्ज की।

उन्होने कहा कि कमियां बताने का यह मतलब नहीं कि हम विरोध कर रहे है, कमियों से आप सबक लेकर अपने में सुधार लाए, प्रशासनिक रूप से इस प्रकार सोचना गलत है। उन्होने कहा पत्रकारो के साथ इस तरह का व्यवहार पूर्णत गलत है। मै पत्रकारो के साथ हूं जरूरत पडी जो सामने खडा रहूंगा।

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