रायपुर: बीते दिनों छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नई गाड़ियां खरीदने के बाद रील बनाने के लिए हाइवे जाम करने के मामले में हाइकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है। इस मामले में हाइकोर्ट ने सरकार से पूछा कि इस मामले में मामूली कार्रवाई क्यों की गई, सख्त धाराएं क्यों नहीं लगाए गए। हाइकोर्ट ने बिलासपुर पुलिस को फटकार भी लगाई और पूछा कि गाड़ियां जब्त क्यों नहीं की गई। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की बेंच ने रील बनाने के लिए हाइवे जाम करने के मामले में चिंता जताई और कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
बता दें कि बिलासपुर के हीरी और चकरभाठा थाना क्षेत्र में कुछ अमीरजादों ने नई गाड़ियां खरीदने के बाद हाइवे पर
ड्रोन से रील बनाने के हाइवे जाम कर दिया था। वीडियो में महंगी गाड़ियों का प्रदर्शन किया जा रहा था। मुख्य आरोपी वेदांश शर्मा ने दो नई महंगी कारें खरीदी थीं। उसके साथ काले रंग की SUV गाड़ियों का काफिला था। लोगों के अनुसार, रात में हाईवे को ब्लॉक कर दिया गया था। दोनों तरफ गाड़ियां खड़ी थीं, लेकिन किसी ने भी दखल देने की हिम्मत नहीं की। वेदांश ने शूट के वीडियो इंस्टाग्राम पर डाले थे, जो वायरल हो गए। बाद में अकाउंट ही डिलीट कर दिया गया। पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 के तहत चालान जारी किए है।
RTO को ड्राइवरों के लाइसेंस रद्द करने के लिए भी लिखा है लेकिन गाड़ियां जब्त नहीं की गईं। इससे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। बिलासपुर SSP राजनेश सिंह ने एक टीवी चैनल को बताया कि FIR दर्ज कर ली गई है और गाड़ियां जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा, ‘नेशनल हाईवे को ब्लॉक करना एक आपराधिक अपराध है। इसमें शामिल सभी लोगों को सख्त कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।