नई दिल्ली,

हाल में ही फेसबुक ने अपने Calibra क्रिप्टोकरेंसी प्लान को ग्लोबली पेश किया है. प्लान के मुताबिक कंपनी नई डिजिटल करेंसी बनाएगी जिसे बिटकॉइन की तर्ज पर ही ग्लोबली उपयोग में लाया जाएगा. फेसबुक के इस कदम से ई-कॉमर्स सर्विस को बढ़ावा मिलेगा साथ ही विज्ञापनों के जरिए कमाई के चांस बढ़ जाएंगे.

इसके लिए फेसबुक ने 28 कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है, जिनमें पेपाल, उबर, स्पॉटिफाई, वीजा और मास्टरकार्ड शामिल हैं. इसके अलावा कंपनी ‘डिजिटल वॉलेट कालिबरा’ प्लान पर भी काम कर रही है, जिसके जरिए दुनियाभर में पैसे ट्रांसफर करना फोटो भेजने जैसा आसान हो जाएगा.

फेसबुक इस प्लान की प्राइवेसी को लेकर कानूनी प्रकिया का सामना रही है. चूंकि फेसबुक पहले से ही डेटा प्राइवेसी के विवादों को झेल रही थी और अब करेंसी बनाने जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि बैंक, नेशनल करेंसी और यूजर्स की प्राइवेसी समेत तमाम चीजों को खतरा हो सकता है. हालांकि इस मामले को लेकर फेसबुक ने चेताया है कि वो यूजर की बैंकों डिटेल और पेमेंट से जुड़ी सारी जानकरियों को सेफ रखेगी.

कंपनी के मुताबिक ‘डिजिटल वॉलेट कालिबरा’ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करेगा ताकि लोग आसानी से पैसों का ट्रांजेक्शन कर सकें. इसमें पैसे भेजना, रिसीव करना और उन्हें सेव करना शामिल होगा.

इस प्लान को लेकर कंपनी के अधिकारी डेविड मार्केस ने बताया कि कालिबरा के जरिए दुनिया के अरबों लोगों तक ओपन फाइनेंशियल इकोसिस्टम पहुंचाया जा सकता है. 2020 तक आम लोगों के लिए इसे जारी कर दिया जाएगा. साथ ही फेसबुक के सभी प्लेटफार्म जैसे मैसेंजर, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम से इसे इस्तेमाल किया जा सकेगा.

कंपनी के अनुसार यूजर का डेटा सुरक्षित होगा और कंपनी डेटा सिक्योरिटी के लिए वैरिफिकेशन प्रोसेस के साथ लाइव सपोर्ट सिस्टम भी रखेंगी. प्लान के हिसाब से एक खास डिजिटल वॉलेट ऐप बनाई जाएगी, जिसमें ट्रांजेक्शन ट्रैक की जा सकेगी. एप से पैसे भेजने पर कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं लिया जाएगा.

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक तरह की डिजिटल मुद्रा है, जिसे डिजिटल वॉलेट में रखकर ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी का कांसेप्ट 2009 में सबसे पहले दुनिया के सामने आया.

गौरतलब है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को ऑफिशियल तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है और न ही इसे रेग्युलेट करने का कोई नियम बनाया गया है.

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