बिलासपुर। महत्वपूर्ण योजना के तहत पूरे देश मे संचालित हो रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में विभिन्न योजनाओं के तहत कार्य होता है मगर बिलासपुर जिले अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों को समय समय पर मिलने वाले सामानों में बड़ी धांधली हो रही हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले समान को सुपरवाइजर द्वारा अपने अनुसार चहेते कार्यकर्ताओं के बीच बांट दिया जाता हैं या फिर जिन केंद्रों के लिए समान आता भी है तो वहां की कार्यकर्ताओं को खबर ही न कर अफरा तफरी कर दी जाती है।ऐसे में लंबे समय से आंगनबाड़ी केंद्रों को मिले समान का यदि निरीक्षण किया जाए तो अधिकांश आंगनबाड़ी में समान की अनुपलब्धता रहती है। समय समय पर मिलने वाले सामग्रियों की कोई स्टॉक पंजी भी नही रहती हैं।यहाँ तक कि बच्चों के लिए आने वाले सरकारी खिलौनों में भी खेल हो जाने की शिकायत है।
बिलासपुर के अधिकांश केंद्र ऐसे हैं, जहां स्टॉक रजिस्टर ही गायब है। इन केंद्रों पर सालाना बंटने वाली सामानों का कोई हिसाब नही रखा जा रहा है।जहां रजिस्टर है भी तो वहां एंट्री नही रखने की शिकायतों के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। ऐसे केंद्रों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कॉपियों में ही फर्जी ब्योरा दिखा रही हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी से लाखों का पलीता लग रहा है।
आंगनवाड़ी केंद्रों को मिलने वाले खिलौने और प्राथमिक उपचार
की दवाइयों में धांधली हो रही है। सेंटरों तक सारा सामान पहुंच ही नही पाता है नतीजतन, इस मद में सप्लाय सारी सामग्री का वितरण हवा में है।
बता दें महिला बाल विकास विभाग आंगनवाड़ी केंद्रों को अनेक समान देता है। केंद्रों में दिए जाने वाले किट में अल्फाबेट, फल, सब्जियां और गिनती का चित्रण करने वाले प्लास्टिक के खिलौने होते हैं। मेडिसिन में पूरा फर्स्ट एड बॉक्स होता है। इसमें पेरासिटामॉल, पेट के कीड़े मारने वाली एल्बेंडाजोल टेबलेट,बेंडेज, कॉटन और आंख के ट्यूब शामिल है। हर केंद्र को साल में एक बार दोनों चीजें मिलती हैं। इसका मकसद बच्चों के मानसिक विकास के साथ शारीरिक तकलीफ में उन्हें प्राथमिक उपचार देना है। 90 फीसदी आंगनवाड़ी केंद्रों पर स्कूल किट और मेडिसिन का रिकॉर्ड मेंटेन नहीं रखा जाता है। जिस स्टॉक रजिस्टर में दोनों
किट की सामग्री दर्ज होना चाहिए, वह गायब रहती है। जिन केंद्रों पर रजिस्टर बना है, वहां लंबे समय से ब्योरा ही नहीं लिखा जा रहा है।
सामान कहां गया हिसाब नहीं
महिला-बाल विकास विभाग ने आंगनवाड़ी केंद्रों को ड्रम, पेटियां,थाली,तपेलियां, चम्मच और कटोरी तक दी हैं। स्टेशनरी और दूसरा सामान रखने के लिए अलमारियां भी सप्लाय हुई थीं। हकीकत यह है कि आज ये सारी चीजें कुछ ही केंद्रों पर मौजूद हैं। स्टील के बर्तन और अलमारियों का वया हुआ, इसका भी हिसाब नहीं है।स्टॉक को छोड़ बाकी सब आंगनवाड़ी केंद्रों पर स्टॉक रजिस्टर को लेकर हो रही गड़बड़ी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसे छोड़ बाकी सारे रजिस्टर केंद्रों पर मौजूद हैं। इनमें स्टाफ का हाजिरी रजिस्टर, पोषण आहार, बच्चों का विवरण आदि का ब्योरा शामिल है। ऐसे में सवाल यह है कि जब बाकी रिकॉर्ड मेंटेन हो रहे हैं तो स्टॉक रजिस्टर रखने में कर्मचारियों को दिक्कत क्यों है।