मुंगेली।जिला जाति छानबीन समिति ने आज प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहु ऋचा जोगी की जाति प्रमाण पत्र को निलंबित कर दिया है। मामले की जानकारी छानबीन समिति ने दी है। समिति से मिली जानकारी के अनुसार मिसल रिकार्ड में ऋचा जोगी की जाति अलग अलग दर्ज होना पाया गया है। ऋचा जोगी के साथ उनके भाई ऋषभ जोगी की जाति प्रमाण पत्र को भी निलंबित कर दिया गया है।
जिला स्तरीय छानबीन समिति अध्यक्ष राजेश कुमार नशीने ने बताया कि ऋचा रुपाली साधू से जाति प्रमाण पत्र को सत्यापित करने अभिलेख और जवाब माँगा गया था,। प्रस्तुत जवाब को समिति ने संतोषप्रद नहीं पाया गया है। दस्तावेजो के छानबीन के बाद ऋचा के साथ ऋषभ की जाति प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया गया है।
मालूम हो ऋचा जोगी 2001-02 में जमीन रजिस्ट्री के एक मामले में दो दस्तावेजों में दो अलग अलग जानकारी दी है। एक दस्तावेजो में उन्होने खुद को गोड़ बताया है लेकिन अपने पूर्वज की जानकारी में सारबहरा निवासी होने की जानकारी दी है। जबकि शपथ पत्र में उन्होने पूर्वजों को विश्रामपुर बलोद जिला का निवासी होने का जिक्र किया है। दोनों दस्तावेज में बताया गया कि पूर्वज मूल स्थान से पेन्ड्री में जमीन खरीदे और यहीं के होकर रह गए।
बता दें ऋचा जोगी परिवार ने 1952 से 2001-02 तक करायी कई जमीन रजिस्ट्री में खुद को गैर आदिवासी बताया है। ईसाई समुदाह से होने का जिक्र किया है। जबकि साल 2010- 2011 में परिवार ने 11 रजिस्ट्री करवाया है। यहां भी गैर आदिवासी होने का रिकार्ड है। जबकि 2001 में जमीनों रजिस्ट्री में ऋचा जोगी ने खुद को गोंड आदिवासी होना बताया है। इसी तरह एक दस्तावेज 1940 का भी है। रजिस्ट्री में गोंड आदिवासी लिखा गया है।
हालाँकि मुंगेली जिला प्रशासन की इस जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति ने फैसला अब से कुछ देर पहले सार्वजनिक किया है, लेकिन प्रदेश में इस बात के पुष्ट संकेत थे कि अंततः ज़िला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति ऋचा रुपाली साधू का जाति प्रमाण पत्र निलंबित करेगी और अभिलेखों को सौंपने के लिए जो अतिरिक्त समय माँगा गया है, वह नहीं दिया जाएगा।