भिलाई, 30 अक्टूबर 2020
किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने की कोशिशों में जुटी मोदी सरकार के लाए गए तीन कृषि कानूनों का छत्तीसगढ़ में व्यापक विरोध कांग्रेस की ओर से किया जा रहा है। हाल ही में लाए गए तीन संशोधित कृषि कानूनों के खिलाफ भिलाई शहर में कांगेस के पिछड़ा वर्ग विभाग ने मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग ने कार्यकर्ता कृषि कानूनों के खिलाफ व्यापक स्तर पर हस्ताक्षर अभियान चलाया है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना है कि केन्द्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का जुमला फेंककर किसानों को कॉरपोरेट के हाथों गिरवी रख दिया है। कांग्रेसी कार्यकर्ताओँ ने कृषि कानूनों को सिर्फ और सिर्फ भाजपा के उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया बताया है।
कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग भिलाई शहर के जिलाध्यक्ष नरेश सागरवंशी ने कहा कि कृषक ऊपज व्यापार वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण संरक्षण ) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 एवं आवश्यक वस्तु ( संशोधन ) विधेयक 2020 तीनों ही किसानों को लूटने खसोटने और उन्हें अपनी ही जमीन से बेघरबार कर देने वाले कानून है। नरेश सागरवंशी ने कहा कि अगर ये कानून इतना ही फायदेमंद है तो फिर मोदी सरकार ने संसद में बिल पर चर्चा और वोटिंग क्यों नहीं कराई।
कृषि कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र नहीं होना, जमाखोरी को खुली छूट दे देना और मंडी व्यवस्था को पूरी तरह से खत्म कर देना ये तीनों ही बातें किसी भी नजरिये से किसानों के लिए ठीक नहीं कही जा सकती है। कॉरपोरेट मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने किसानों का कचूमर निकाल दिया है। देशभर में आलू और प्याज की कीमतों में लगी आग से कृषि कानूनों का दुष्प्रभाव दिखने भी लगा है। नरेश सागरवंशी ने कहा कि इस हस्ताक्षर अभियान के जरिये छत्तीसगढ़ की जनता का जनसमर्थन जुटाया जा रहा है। जनता के हस्ताक्षर राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे। जनता की बात को अनसुना करने पर कांग्रेस पार्टी व्यापक स्तर पर प्रदेश में सड़क पर आंदोलन छेड़ेगी और किसान विरोधी कानून को वापस करवाकर ही दम लेगी।