रायपुर, 12 जून, 2020

सरकारी जमीन को खदर-बदर करने को लेकर पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने कोर्ट जाने की बात क्या कही सियासी उठापटक शुरु हो गई है। राजेश मूणत के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि पूर्व मंत्री भूमि आवंटन पर सवाल उठाने से पहले रमन सरकार के दौरान भाजपा की कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार के चलते हुई सरकारी जमीनों की बंदरबाट पर नजर डाल लेँ।

धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के चहेतों को फायदा पहुँचाने के लिए रमन सरकार ने बेशकीमती सरकारी जमीनों को पानी के मोल आबंटित किया और सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया। धनंजय ने आरोप लगाया कि सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा करने वाले सरकारी जमीन के रिकार्ड में हेराफेरी कर खरीदी बिक्री करने वालों को भाजपा का संरक्षण और समर्थन प्राप्त था।

धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार में शासकीय भूमि के आवंटन का कार्य पूरी तरह से नियमानुसार और पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। भूमि आवंटन का आवंटन पहले से ही राज्य सरकार के पास हैं और राज्य सरकार , शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और अन्य उद्देश्यों के लिए भूमि का आवंटन करती रही हैं ।

राज्य सरकार ने पूर्व से चले आ रहे भूमि आवंटन के नियमों केवल इतना परिवर्तन किया है कि 7500 वर्ग फ़ीट तक की भूमि के आवंटन का अधिकार कलेक्टर को प्रदान कर दिए हैं । इसमें भी भूमि आवंटन के लिए प्राथमिकता तय की गई हैं , जैसे शासकीय विभाग को भूमि आवंटन में प्राथमिकता दी जायेगी जो जमीन पर बॉउंड्री बनाने का काम कर सके ।

इसके साथ स्थानीय निकायों को 25 प्रतिशत गाइड लाइन की दर पर भूमि आवंटित की जाएगी । इसके साथ एक ही ज़मीन के एक से अधिक निजी लोगों द्वारा माँग करने पर नीलामी द्वारा भूमि आवंटित की जाएगी ।अतिक्रमित भूमि को गाइड लाइन दर के 150 प्रतिशत पर भूमि आवंटित की जाएगी ।

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