बिलासपुर, 25 जुलाई

तखतपुर के मेड़पार बाजार में ठूंस-ठूंसकर भरी गई 50 गायों की दम घुटने से मौत होने के मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा है कि गायों की मौत के लिए सरपंच और सचिव जिम्मेदार हैं। दोनों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। कृषि मंत्री ने गायों की मौत के पीछे साजिश होने से भी इंकार नहीं किया है। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सुराज गांव योजना, रोका-छेका और गोधन न्याय योजना चलाकर गायों को गौठान और घरों में सुरक्षित रखने के निर्देश दिये हैं। लेकिन कुछ लोग सरकार की इस योजना पर पानी फेरने पर तुले हैं। कृषि मंत्री ने गायों की मौत को बड़ी लापरवाही माना है।

गायों की मौत की जांच के लिए गौ सेवा आयोग के सदस्य तखतपुर के लिए रवाना हो गए हैं। मौके पर जाकर गौ सेवा आयोग के सदस्य वास्तविकता की जांच करेंगे। बताया जा रहा है कि गायों को रखने के लिए अस्थायी तौर पर  गौठान बनाया गया था। पुराने पंचायत भवन में 120 गायों को बदइंतजामी के साथ ठूंस-ठूंस कर रखा गया था। अस्थायी गौठान में गायों के लिए खाने-पीने की भी सही व्यवस्था नहीं थी। दम घुटने से गायों की मौत होना माना जा रहा है।

गायों की मौत पर सियासत भी शुरु हो गई है। विपक्षी दल भाजपा के लोगों ने गायों की मौत को लेकर  भूपेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। भाजपा नेता धर्मलाल कौशिक ने कहा कि गायों की मौत होना बताता है कि सरकार की योजनाएं धरातल से दूर कागजी हैं। वहीं रायपुर के समाजसेवी प्रकाशपंज पाण्डेय ने गायोंं की मौत की जांच करवाकर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की है।

 

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