नई दिल्ली, 20 मार्च 2020
हायर एजूकेशन के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्र-छात्राओं के लिए साल में दो बार आयोजित होने वाली यूजीसी नेट परीक्षा 2020 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। जून 2020 में होने वाले यूजीसी नेट परीक्षा के आवेदन 16 अप्रैल 2020 तक ऑनलाइन स्वीकार किये जाएंगे। इसके लिए 16 मार्च से आवेदन प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। इच्छुक छात्र-छात्राओं को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
उम्मीदवार असिस्टेंट प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप के लिए एकसाथ आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा का रिजल्ट संभवत: अगस्त में जारी कर दिए जाएंगे। इस परीक्षा में दो पेपर होंगे और सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग लागू नहीं होगी।
यूजीसी नेट का आयोजन कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की पात्रता और जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए होता है। यह परीक्षा दो शिफ्ट में होगी। पहली पाली सुबह 9:30 से दोपहर 12:30 बजे कर और दूसरी पाली 2.30 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी।
पहला पेपर टीचिंग एंड रिसर्च एप्टीट्यूड का होगा जिसमें 50 ऑब्जेक्टिव प्रश्न होंगे। वहीं, दूसरा पेपर सब्जेक्ट आधारित होता हैा। यानी अभ्यर्थी 84 विषयों में नेट की परीक्षा दे सकते हैं। यूजीसी नेट का सिलेबस नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से पहले ही जारी किया जा चुका है।
30 साल की हुई नेट परीक्षा
यूजीसी नेट परीक्षा दिसंबर 1989 में शुरु हुई थी और तमाम बदलावों के बाद ये परीक्षा दिसंबर 2019 में अपने 30 साल पूरे कर चुकी है। शुरुआत में ये परीक्षा ऑफलाइन हुआ करती थी, परीक्षा में तीन प्रश्नपत्र आते थे, इनमें 100 अंकों के पहले पेपर में सामान्य जानकारी से जुड़े 50 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते थे। दूसरे पेपर में विषय से संबंधित 100 अंकों के 50 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते थे। तीसरा पेपर सबसे कठिन माना जाता था, ये विषय से संबंधित होता था 200 अंकों के प्रश्नपत्र में 4 सेक्शन में सवाल होते थे। चौथे सेक्शन में पूछे जाने वाला निबंध के सेक्शन के लिए परीक्षार्थियों को खासी तैयारी करनी पड़ती थी।
24 साल बाद हुई वैकल्पिक परीक्षा
यूजीसी की ओऱ से नेट की परीक्षा बड़ा बदलाव 24 साल बाद 2014 में किया गया। 2014 में नेट की परीक्षा में आने वाला तीसरा प्रश्नपत्र बहुवैकल्पिक कर दिया गया यानि अब आपको विस्तृत उत्तर न लिखकर टिकमार्क करके उत्तर देना शुरु हुआ। उस वर्ष पहली बार ये परीक्षा तीनों प्रश्नपत्रों में बहुवैकल्पिक पैटर्न पर आयोजित की गई। 2018 तक परीक्षार्थियों को तीन बहुवैकल्पिक पेपर देने होते थे, इस दौरान नेगेटिव मार्किंग भी हुआ करती थी।
2019 से एनटीए के जरिए ऑनलाइन हुई परीक्षा
2019 से इस परीक्षा के आयोजन के लिए यूजीसी की ओर से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बनाई गई। तब से ये परीक्षा दो बहुवैकल्पिक प्रश्नपत्रों के जरिए ऑनलाइन आयोजित की जा रही है।