रायपुर, 8 मार्च 2022

छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सदन की शुरुआत होते ही प्रश्नकाल में रोजगार का मुद्दा विपक्ष की ओऱ से उठाया गया है। सदन के नेता प्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक ने सरकार के द्वारा रोजगार संबंधी जारी किये गए आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े किये हैँ। धर्मलाल कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के बिलासपुर प्रवास के दौरान बताए गए आंकड़े और जनसंपर्क विभाग की ओर से प्रचारित किये जा रहे रोजगार के आंकड़ों में काफी असमानता नजर आ रही है। 

धर्मलाल कौशिक ने कहा कि रोजगार के आंकड़ों में आ रहे इस अंतर पर मुख्यमंत्री सदन को बताएं। कौशिक के इस सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खड़े हुए और रोजगार संबंधी आंकड़े पेश किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार का मतलब सिर्फ तनख्वाह पाने वाला ही नहीं होता है। रोजगार वो भी है जो सरकार की योजनाओं के माध्यम से लोगों को प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री के इस बयान के बीच ही धर्मलाल कौशिक फिर से खड़े हुए और रोजगार के गलत आंकड़े पेश करने का आरोप सरकार पर लगा दिया। इसके बाद बीजेपी विधायक शिवरतन  शर्मा सदन में खड़े हुए और रोजगार संबंधी आंकड़ों को लेकर मुख्यमंत्री का पुराना वीडियो चलाने की मांग आसंदी से की। हालांकि आसंदी ने वीडियो चलाने की इजाजत नहीं दी। इस बीच शिवरतन शर्मा ने कहा कि सरकार ने सरकारी दस्तावेजों में 30 हजार के लगभग सरकारी नौकरियां देना कबूल किया है । लेकिन मुख्यमंत्री बिलासपुर में दिये गए अपने भाषण में 2 लाख 80 हजार लोगों को सरकारी नौकरी दिये जाने की बात कहते हैँ। इतना विरोधाभास क्योँ।

शिवतरन शर्मा औऱ मुख्यमंत्री के बीच इसी मुद्दे पर काफी देर तक गर्मागरम बहस हुई और आसंदी को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा।

इसी बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने बीच में हस्तक्षेप कर कहा कि, 15 साल में जो लोग रोजगार नहीं दे पाए वो हमसे रोजगार पर जवाब मांग रहे हैँ।

मुख्यमंत्री के जवाब से लगभग संतुष्ट नजर आने के बाद जैसे ही धरमलाल कौशिक बैठे, शिवरतन शर्मा उठ खड़े हुए। शिवरतन शर्मा ने सदन में पूरक प्रश्न पूछते हुए अपने पहले के सवाल को लगभग दोहराते हुए कहा कि सरकार के वित्त विभाग ने 40,035 पदों पर भर्ती किये जाने को स्वीकृति दी थी, उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री सदन को बतावें कि किस विभाग में कितनी-कितनी नौकरियां किस-किस वर्ष में दी गईं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ये पूरक प्रश्न बेहद विस्तृत है और इसका जवाब एक लाइन में दिया जाना संभव नहीं है, फिर भी उन्होंने वर्षवार दी गई नौकरियां के आंकड़े पढ़कर सदन को सुनाए। जिस पर शिवरतन शर्मा बीच में टोका-टाकी करने लगे तब आसंदी की ओऱ से कहा गया कि ये सब जानकारी परिशिष्ट में उपलब्ध है। माननीय सदस्य उसे वहां से पढ़ लेँ।

 

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