बिलासपुर। श्रीमती राजश्री कौशिक की 13 जुलाई 2006 को शिक्षाकर्मी वर्ग – 3 के पद पर प्रथम नियुक्ति हुई थी। लगभग पांच वर्ष की सेवा के पश्चात् वर्ष 2011 में राजश्री कौशिक द्वारा शिक्षाकर्मी वर्ग-1 के पद पर भर्ती हेतु आवेदन किया एवं चयन प्रक्रिया के पश्चात् दिनांक 05 जुलाई 2011 को राजश्री कौशिक का शिक्षाकर्मी वर्ग -1 के पद पर चयन हुआ, परन्तु राजश्री कौशिक को शिक्षाकर्मी वर्ग -3 के पद पर पूर्व में की गई सर्विस का लाभ ना देते हुए आठ वर्ष की सेवा पश्चात् पुनरीक्षित वेतनमान के लाभ से वंचित किये जाने पर राजश्री कौशिक द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय के माघ्यम से हाईकोर्ट बिलासपुर के समक्ष रिट याचिका दायर की गई। अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी सर्कुलर के तहत् यदि किसी शिक्षाकर्मी का निम्न पद पर काम करने के पश्चात् उच्च पद पर चयन होता है तो उसकी निम्न पद पर की गई सेवा अवधि को जोड़ते हुए कुल 08 (आठ) वर्ष की सेवा पश्चात् उसे पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया जायेगा। चुंकि याचिकाकर्ता की 13 जुलाई 2006 को शिक्षाकर्मी बर्ग-3 के पद पर नियुक्ति हुई थी उक्त दिनांक के 05 वर्ष पश्चात दिनांक 05 जुलाई 2011 को उसकी शिक्षाकर्मी वर्ग -1 के पद पर नई नियुक्ति हुई। अतः याचिकाकर्ता शिक्षाकर्मी वर्ग -3 के पद पर नियुक्ति 13 जुलाई 2006 से 08 (आठ) वर्ष पश्चात् अर्थात् 13 जुलाई 2014 से पुनरीक्षित वेतनमान की पात्र है परन्तु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत-बिलासपुर द्वारा याचिकाकतर्ता को फरवरी 2019 से पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ प्रदान किया गया। उच्च न्यायालय, बिलासपुर द्वारा उक्त रिट याचिका की सुनवाई के पश्चात् रिट याचिका को स्वीकार कर उसे पूर्व की सेवा अवधि का लाभ प्रदान करते हुए 08 (आठ) वर्ष की सेवा पश्चात् 13 जुलाई 2014 से पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ प्रदान करने का आदेश दिया गया।

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By Admin

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