जयपुर, 13 अगस्त 2020

तू डाल-डाल, मैं पात-पात की लड़ाई के बाद बैकफुट पर आए सचिन पायलट गुट के विधायकों के सुर बदले हुए हैँ। पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह का कहना है कि उनका मकसद अशोक गहलोत सरकार को गिराना नहीं था। वे पार्टी हाईकमान के सामने अपनी बात रखना चाहते थे। विश्वेंद्र सिंह, सचिन पायलट कैंप के 19 विधायकों में से एक थे। एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान की ओर से मिलने में हुई देरी के कारण हम इतने समय तक दिल्ली में डेरा डाले रहे। विश्वेंद्र ने कहा, मैं कांग्रेसी हूं और अशोक गहलोत हमारे नेता हैं। विश्वेंद्र ने यह भी दावा किया कि बातचीत का जो ऑडियो सामने आया उसमें कांट-छांट की गई। दरअसल, मैं अपने एक दोस्त से बात कर रहा था न कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से।

पार्टी और सरकार के बीच संपर्क नहीं होने के कारण समस्या हुई
विश्वेंद्र ने कहा कि पार्टी और सरकार के बीच किसी तरह का कोई संवाद नहीं होने के कारण समस्या शुरू हुई। सचिन पायलट जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम थे वहीं मैं कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ उपाध्यक्ष था। हम दोनों ही सरकार और पार्टी में शामिल थे। पार्टी और सरकार में कोई संवाद नहीं होने के कारण चुनाव में जनता से किए गए वादे पूरे नहीं हो पा रहे थे। इसे हम हाईकमान के ध्यान में लाना चाहते थे।

लीडरशिप चेंज की कोई मांग नहीं थी, न ही हम कैंप में थे
राजस्थान में लीडरशिप में परिवर्तन के बारे में विश्वेंद्र ने कहा, लीडरशिप चेंज की कोई मांग नहीं थी। केवल कांग्रेस लीडरशिप को समस्या से अवगत कराना था और हम इसे लेकर हाईकमान से मिलना चाहते थे। वहीं भाजपा से नजदीकियों के आरोपों पर विश्वेंद्र ने कहा, अगर हमारी भाजपा से नजदीकियां होतीं तो आज हम जयपुर में नहीं होते। हम जयपुर में हैं लेकिन आप अन्य विधायकों के बारे में पूछेंगे तो उनके बारे में मुझे नहीं पता। भंवरलाल शर्मा एक दिन पहले ही जयपुर लौट आए और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले। इससे जाहिर होता है कि हम किसी कैंप में नहीं थे जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है।

रचनात्मक आलोचना को सही तरीके से लिया जाए
राजस्थान कांग्रेस में दो गुटों के बारे में विश्वेंद्र ने कहा, मेरी दृष्टि में कोई कैंप नहीं है। गहलोत मुख्यमंत्री हैं और परिवार के मुखिया हैं और तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। हम यहां उनका समर्थन करने को हैं। लेकिन, रचनात्मक आलोचना को सही तरीके से लिया जाना चाहिए। विश्वेंद्र ने कहा कि भले ही वे कांग्रेस से निलंबित किए गए हैं लेकिन वे कांग्रेस के प्रति वफादार हैं।

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