रायपुर, 11 अगस्त 2020

छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। भूपेश बघेल ने कहा कि मिनी माता ने पूरा जीवन मानव समाज के उत्थान और महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए समर्पित कर दिया। मिनीमाता सामाजिक सुधारों का प्रतीक थीं। छत्तीसगढ़ सरकार मिनीमाता के आदर्शो पर चलकर महिला उत्थान के काम कर रही है। उनके आदर्शो पर चलकर ही हमें समृद्ध छत्तीसगढ़ बनाना है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने रायपुर निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यू राजेन्द्र नगर स्थित सांस्कृतिक भवन परिसर में लगभग 44 लाख रूपए की लागत से नवनर्मित मिनीमाता स्मृति वातानुकूलित भवन का लोकार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने की। कार्यक्रम का आयोजन गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी और समस्त सतनामी समाज द्वारा किया गया।

भवन के लोकार्पण मौके पर  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने  कहा कि ममतामयी मॉ मिनीमाता को आज उनके स्मृति दिवस पर पूरा छत्तीसगढ़ श्रद्धा के साथ याद कर रहा है। मिनीमाता ने स्वतंत्रता संग्राम में भी योगदान दिया। उन्होेंने सामाजिक कुरीतियों, छूआ-छूत, बाल विवाह, गरीबी, दहेज प्रथा उन्मूलन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। लोगों की तकलीफ दूर करने और उनको न्याय दिलाने के लिए वे स्वयं पहल करती थीं। उन्होंने दबे, कुचले, शोषित समाज की आवाज बुलंद की। संसद में अस्पृश्यता निवारण अधिनियम को पारित कराने में उन्होंने महती भूमिका निभाई।

नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया ने इस अवसर पर कहा कि  छत्तीसगढ़ सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और गरीबों के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की अस्मिता की प्रतीक मिनीमाता सहित प्रदेश के महापुरूषोें का सपना पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। कार्यक्रम स्थल से कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नगर निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने भी सम्बोधित किया। गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी एवं सतनामी समाज के प्रदेशाध्यक्ष के.पी.खण्डे ने समाज की विभिन्न मांगे रखीं। डॉ. डहरिया ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया।

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