अमित जोगी को बीजेपी का प्रेम ले डूबा है,पार्टी में आज कोई कार्यकर्ता या नेता नहीं बचा है- देवव्रत सिंह

मानसिक संतुलन खो चुके अमित जोगी बाथरूम में बैठकर लेते हैं फैसला

रायपुर। जेसीसीजे विधायक प्रमोद शर्मा अब अमित जोगी के खिलाफ बगावत का रुख अख्तियार कर दिया है। प्रमोद शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए अमित जोगी को राक्षस और भस्मासुर बताया है, साथ ही उन्होंने बीजेपी से पैसे लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने आगे बात करते हुए कहा कि अमित जोगी मानसिक संतुलन खो चुके है। स्व. अजित जोगी के पुत्र के अलावा उनकी कोई पहचान नहीं है।

प्रमोद शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अमित जेसीसीजे का पूरी तरह सत्यानाश करेंगे। वे पैसे लेकर बीजेपी का समर्थन करते हैं। वे बाथरूम में बैठकर फैसला लेते हैं, तो क्या पूरी पार्टी उनके फैसले को मानेगी? ऐसा नहीं हो सकता। अमित जोगी अपना मानसिक संतुलन अमित जोगी पूरी तरह खो चुके हैं। अमित जोगी ने ही जेसीसीजे का क्षेत्रीय पार्टी के तौर पर अस्तित्व को खत्म किया है।

इस दौरान उन्होने लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि धर्मजीत सिंह कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से 6 महीने पहले भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ेंगे। अमित जोगी भी कांग्रेस-भाजपा का ऑफर लेकर बैठे हैं कभी भी पार्टी का विलय कर सकते हैं।

दरअसल अमित जोगी ने कहा था कि मुझे लगता है कि पार्टी अब एक निर्णायक मोड़ पर है। पार्टी में अब जयचन्द और मीर जाफरों की जगह नहीं रहेगी। विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा दोनों मेरे भाई हैं। मुझे उम्मीद है वो अपनी बातों पर फिर से विचार करेंगे और अपनी जनता के साथ धोखा नहीं करेंगे। मैं अपनी तरफ से कुछ नहीं करने जा रहा हूं, लेकिन अगर वो किसी दल में जाना चाहते हैं तो चुनाव लड़ें और जनता का भरोसा जीतें।

बता दें कि मरवाही उपचुनाव में विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा ने कांग्रेस का समर्थन किया था। इसके बाद से दोनों विधायकों की जेसीसीजे से इस्तीफे की अटकलें लगाई जा रही है। हालांकि अभी उन्होंने अधिकारिक इस्तीफा नहीं सौंपा है और न ही पार्टी ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की है।

अमित जोगी की पार्टी वन-मैन पार्टी है। वो जैसा चाहे वैसा कर सकते है-देवव्रत सिंह

जेसीसीजे अध्यक्ष अमित जोगी के खिलाफ उनकी ही पार्टी के विधायक प्रमोद शर्मा के बाद अब खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह ने हमला बोला है।

देवव्रत सिंह ने कहा कि अमित जोगी की पार्टी वन-मैन पार्टी है। वो जैसा चाहे वैसा कर सकते है। संवैधानिक व्यवस्था नहीं है, ना ही पार्टी को कोई मान्यता प्राप्त हुई है, जैसा उन्हें लगता है वो करते रहें।

विधायक सिंह ने कहा कि अमित जोगी 2016 में कांग्रेस के विधायक थे और 2018 तक जगह-जगह घूमकर कांग्रेस का विरोध करते रहे। उसके बाद खुद की पार्टी बनाई और सभी पद उन्होंने ले लिए। आज वो हमें नैतिकता का पाठ क्यों पढ़ा रहे हैं ? उन्होंने अमित जोगी का स्वागत करते हुए कहा कि वो खैरागढ़ विधानसभा आए और जितना हस्ताक्षर अभियान चलाना है, चला लें। देवव्रत ने उन्हें याद दिलाया कि केवल नगर पालिका और नगर पंचायत में राइट-टू-रिकॉल का अधिकार है। जिसमें हस्ताक्षर अभियान के तहत दोबारा मतदान कर व्यक्ति को पद से हटाया जा सकता है। विधानसभा और लोकसभा में राइट-टू-रिकॉल का प्रावधान नहीं है।

उन्होंने कहा कि अमित जोगी को पहले संवैधनिक सिस्टम को समझना चाहिए। कार्यकर्ताओं ने हमें निर्वाचित कर भेजा है और 5 साल तक हम काम करेंगे। मुझे लगता है उनके दिमाग में बहुत सारा भ्रम है। उन भ्रम से उन्हें बाहर निकलना चाहिए। अजीत जोगी की विरासत अमित जोगी की मिली थी, लेकिन उस विरासत को उन्होंने लगभग खत्म कर दिया है। बेहतर यही होगा अच्छी सोच के साथ काम करें।

विधायक ने कहा कि हम अभी किसी प्रकार का दल बदल नहीं कर रहे हैं, लेकिन जितनी बातें अमित जोगी कह रहे हैं, उन्हें बोलने से पहले एक बार सोचना चाहिए। उसके बाद मीडिया में कहना चाहिए। वो जो हमें बोल रहे हैं उन्हें पहले खुद आत्म अवलोकन करना चाहिए कि आज वो किस स्थिति में खड़े हैं।

मरवाही में 38 हजार वोट से हार मिली है, यह उनके गाल में कड़ा तमाचा है। जबकि उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की जमानत जब्त हो जाएगी। बीजेपी का जो प्रेम है, उसी ने इस पार्टी को आज ले डूबा है। पार्टी में आज कोई कार्यकर्ता या नेता नहीं बचा है।

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By Admin

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