नई दिल्ली, 18 जनवरी 2022

हम सभी ने महाभारत को पढ़ा है, टीवी पर देखा है उसके बारे में सुना है। महाभारत में द्रौपदी जब पांचों पांडवों की पत्नी बन जाती है, तो उसे पांचाली नाम दे दिया गया था। लेकिन आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि आज भी महाभारत की द्रौपदी की तरह महिलाएं एक साथ कई भाईयों की पत्नी बन रही हैँ।

चौंकियें मत ये सच है। पड़ोसी देश नेपाल में आज भी बहुपत्नी प्रथा प्रचलन में हैँ। इसको आज निभाने के पीछे की वजह लड़कियों की कमी नहीं बल्कि वहां की परंपराएं, रिवाज और सामाजिक सोच है। नेपाल के अलावा भी बहुपति प्रथा मौजूद है।

जौनसार बावर, दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र, नीलगिरि के टोडा, त्रावणकोर के नायर, मालाबार हिल्स के इजहेर जातियां और नेपाल के लामा समुदाय में बहुपति प्रथा अपनाई जा रही है। इसके अलावा देहरादून की खासी जनजाति, मदेसर, माविलन, कोटा, करवाजी, पुलाया, मन्नान जातियों में भी यह बहुपति प्रथा प्रचलन में है।

बहुपति प्रथा में अनेक भाइयों द्वारा एक ही पत्नी को साझा करने की प्रथा हैं, इसमें केवल बड़ा भाई का विवाह होता हैं,और उसकी पत्नी सभी भाइयों यानी देवर के साथ संबंध बनाती हैं।

यह प्रथा है हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की। यहां के लोगों का कहना है कि यह परंपरा का पांडवों के अज्ञातवास के समय से चली आ रही है। किन्नौर के निवासी बताते हैं कि यह प्रथा इसलिए चली आ रही है क्योंकि अज्ञातवास के दौरान पांचों पांडवों ने यहां समय बिताया था। अगर कोई भाई दुल्हन के साथ कमरे में होता है तो कमरे के दरवाजे पर अपनी टोपी रख देता है। सभी भाई इस परंपरा का सम्मान करते हैं और दरवाजे पर टोपी रखी होने के स्थिति में दूसरा कोई भाई कमरे में प्रवेश नहीं करता।

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