रायपुर,  5 जुलाई 2021

भगवान श्री राम हर तरफ चर्चा में हैं। अयोध्या में जहां भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार राम वनगमन परिपथ तैयार करा रही है। भगवान श्री राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य वन में सबसे ज्यादा समय बिताया था। छत्तीसगढ़ में भगवान राम के पैर जहां जहां पड़े और जहां जहां उन्होंने निवास किया। उन सभी जगहों को एक परिपथ से जोड़कर टूरिज्म सर्किट तैयार किया जा रहा है। इसी को राज्य सरकार श्रीराम वन गमन पर्टयन परिपथ कह रही है।

श्री राम वन गमन परिपथ के निर्माण की आज मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक ली। जिसमें मुख्य सचिव अमिताभ जैन, एसीएस सुब्रत साहू, सीएम के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी समेत अन्य लोग उपस्थित रहे। राज्य के उत्तरी छोेर कोरिया से लेकर दक्षिण में सुकमा तक राम वनगमन पर्यटन परिपथ का तेजी से विकास किया जा रहा है, परिपथ के चिन्हित स्थलों में पौराणिक प्राचीन स्वरूप को संरक्षित करते हुए विकसित किया जा रहा है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ का राम वन गमन पर्यटन परिपथ देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण के प्रमुख केन्द्र के रूप में उभरेगा।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व के अनेक स्थलों के साथ अनेक सुंदर प्राकृतिक स्थल और जलप्रपात भी हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन स्थलों में पर्यटकों के रूकने की सुविधा सहित सभी जरूरी सुविधाएं विकसित की जाएं, तो छत्तीसगढ़ को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।

मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास की व्यापक संभावना है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को जोड़ते हुए सर्किट बनाए। उन्होंने कहा कि राजिम में महानदी में जल कुंड बनाए, ताकि वहां श्रद्धालुओं के लिए नहाने की व्यवस्था हो और ऐसी व्यवस्था की जाए कि नदी में पानी लगातार बना रहे। मुख्यमंत्री ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास के तहत प्रथम चरण में चयनित 9 स्थलों की प्रगति के साथ ही सिरपुर को हेरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम पर किए जा रहे विकास कार्य, मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ,़ प्रज्ञागिरी स्थल का विकास, ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के तहत हो रहे कार्यो की समंीक्षा की। मुख्यमंत्री ने पर्यटन स्थलों का विकास विभिन्न विभागों के समन्वय से करने के निर्देश दिए।

Unlock के बाद बेपरवाह हुए लोग, हिल स्टेशनों पर सैर-सपाटे को निकले, पहाड़ी राज्यों में सैलानियों भीड़ से बढ़ा संक्रमण का खतरा।

 

 

बैठक में सचिव पर्यटन ने प्रस्तुतिकरण के जरिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में 9 स्थलों-सीतामढ़ी-हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण-खरौद (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), सिहावा-सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), रामाराम (सुकमा) का विकास किया जा रहा है। चंदखुरी में कौशिल्या माता मंदिर परिसर में तीन चरणों में कार्य किया जा रहा है, जिसमें से प्रथम एवं दूसरे चरण के 90 प्रतिशत विकास कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि शिवरीनारायण में विकास कार्य प्रगति पर है। यहां प्रथम चरण के विकास कार्य दिसम्बर 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के चिन्हित 9 स्थलों में से 4 स्थल रामगढ़, तुरतुरिया, सिहावा-सत्पऋषि आश्रम एवं तीरथगढ़ वन क्षेत्र में होने के कारण यहां का कार्य वन विभाग के माध्यम से कराया जा रहा है। इस परिपथ में राजस्व, नगरीय प्रशासन एवं विकास, संस्कृति, पर्यटन, जल संसाधन और वन विभाग के समन्वय से विकास कार्य किए जा रहे हैं।

Delta वेरिएंट की दहशत ! फिजी में डेड बॉडीज से भर गई अस्‍पताल की मॉर्चुरी, ईरान में लगा रेड अलर्ट।

 

बैठक में बताया गया कि सिरपुर को हेरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम में विकसित करने के लिए 62 करोड़ 96 लाख रूपए लागत का कांसेप्ट प्लान तैयार किया गया है। इसका विकास तीन चरणों में प्रस्तावित है। यहां मुख्य रूप से तीन भव्य स्वागत द्वार, पार्किंग साईनेजेस, एडमिन बिल्डिंग, लैण्डस्केपिंग, 15 गजिबो-पगोड़ा, बुद्धिष्ट थीम पार्क, रायकेरा तालाब के चारों ओर पत्थरों से पिंचिंग एवं फुटपाथ, सायकल ट्रेक, ओपन एयर थियेटर निर्मित किए जाएंगे। ट्रायबल टूरिज्म संिर्कट के तहत 96 करोड़ 10 लाख रूपए की लागत से 13 स्थलों को विकसित किया जा रहा है, इनमें से जशपुर में एथनिक पर्यटन ग्राम, कुनकुरी में मार्ग सुविधा केंद्र, कुरदर बिलासपुर में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट, सरोधा दादर में एथनिक पर्यटन ग्राम, गंगरेल में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट, नथियानवागांव में मार्ग सुविधा केंद्र, कोण्डागांव में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट, जगदलपुर में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट और चित्रकोट में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जबकि तीरथगढ़, मैनपाट एवं कमलेश्वरपुर में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन डेवलपमेंट और महेशपुर में मार्ग सुविधा केंद्र का कार्य आगामी सितम्बर माह तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।

Paytm ने अपने उपभोक्ताओं को दी बड़ी सौगात! झटपट मिलेगा 60 हजार तक का पर्सनल लोन।

एडवेंचर स्पोटर््स के तहत कोरबा के सतरंेगा में 9 करोड़ 43 लाख रूपए की लागत से जल पर्यटन की सुविधा विकसित की जा रही है। पर्यटन सचिव ने बताया कि निजी निवेश योजना के तहत मानातुता में थीम एम्यूजमेंट पार्क, तेलीबांधा स्थित होटल जोहार छत्तीसगढ़ में टूरिज्म कमर्शियल काम्पलेक्स और मैनपाट के सैला रिसॉर्ट में नेचर केयर-वेलनेस सेंटर विकसित करने की योजना है। उन्होंने बताया कि राज्य होटल प्रबंध संस्थान नवा रायपुर में इस समय 10 छात्र बीएससी हॉस्पिटेलिटी एंड होटल एडमिनिस्ट्रेशन और 38 छात्र डिप्लोमा इन फूड प्रोडक्शन में ऑनलाईन पढ़ाई कर रहे हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विभिन्न स्थलों में एक लाख 68 हजार से अधिक पौधो का रोपण किया गया है। लगभग 36 करोड़ रूपए की लागत से 18 बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से कुछ पार्क राम वन गमन पर्यटन परिपथ की 10 किलोमीटर के परिधि में विकसित किए जा रहे हैं, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण के केन्द्र होंगे।

0Shares
loading...

You missed