कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी पार्टी के लिए बेहद खास थे और वो अपनी तेजतर्रार शैली के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की पसंद थे, शायद ये उनकी शानदार वाकपटुपता का कमाल था कि वो टीवी चैनलों की होने वाली डिबेट्स में कांग्रेस का पक्ष शानदार तरीके से रखने के साथ विपक्ष की धज्जियां उड़ाने में भी माहिर थे, उनकी डिबेट टीवी पर खासी पसंद की जाती थी खासकर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के साथ।

लेकिन नियति के आगे किसकी चली है। बीते बुधवार की शाम को राजीव त्यागी का निधन हो गया, उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई,गजियाबाद के यशोदा अस्पताल में ले जाते वक्त उन्होंने आखिरी सांस ली, मौत से पहले वो एक टीवी चैनल की डिबेट में हिस्सा ले रहे थे। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने दुख जताते हुए कहा कि त्यागी विचारधारा के प्रति समर्पित नेता थे। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने आज अपना एक ‘बब्बर शेर’ खो दिया।

राजीव त्यागी 2006 में कांग्रेस में हुए थे शामिल

राजीव त्यागी कांग्रेस पार्टी का अहम चेहरा थे और पार्टी का पक्ष दमदार तरीके से रखते थे, उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने लोकदल से अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी फिर वो साल 2006 में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हुए थे, उसके बाद से वो कांग्रेस पार्टी में आगे बढ़ते ही चले गए, राजीव त्यागी उत्तर प्रदेश कांग्रेस में महासचिव व प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी भी देख रहे थे।

राजीव त्यागी TV चैनल्स पर थे खासे पॉपुलर

राजीव त्यागी को कांग्रेस के  तेज तर्रार प्रवक्ता के रुप में जाना जाता था और वो अपनी डिबेट से अच्छे-अच्छों को खामोश करा देते थे, अक्सर उनकी भिड़ंत बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा से होती थी और ऐसे में वो डिबेट खासी रोचक हो जाती थी और लोग इसे खासा पसंद करते थे। कई बार उनकी भिड़ंत टीवी एंकरों से भी हो जाती थी ऐसे कई वाकये हैं जब वो सीधे टीवी एंकर से भिड़ गए ये उनके तेजतर्रारपन की निशानी थी।

12 अगस्त तीन बजकर 40 मिनट पर किया था आखिरी Tweet

राजीव त्यागी ने बुधवार दोपहर लगभग तीन बजकर 40 मिनट पर आखिरी ट्वीट किया था कि वह शाम पांच बजे एक टीवी बहस में हिस्सा लेंगे। त्यागी के परिवार सदस्यों ने कहा कि डिबेट में हिस्सा लेने के बाद उन्होंने घरेलू सहायक से चाय बनाने के लिये कहा और बिस्तर पर लेट गए, लेकिन कुछ देर बाद घरेलू सहायक उनके लिये चाय लेकर आया तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।आपात जांच के लिये नजदीकी डॉक्टर को बुलाया गया, लेकिन जब सभी प्रयास नाकाम हो गए तो उन्हें यशोदा अस्पताल ले जाया गया । यशोदा हॉस्पिटल के डॉक्टर के मुताबिक, राजीव त्यागी डीबेट के दौरान ही अचानक कोलाप्स कर गए थे। राजीव त्यागी को अचेत देखकर उनके घरवालों ने पहले उन्हें कार्डियक मसाज और सीपीआर दिया। इसके बाद करीब 6:30 बजे उन्हें हॉस्पिटल लाया गया। जब वह हॉस्पिटल पहुंचे तो वह अचेत थे और रिस्पॉन्ड नहीं कर रहे थे। बीपी और पल्स भी नहीं था। इसके बाद हमने अपने अडवांस कार्डियक लाइफ केयर प्रोटोकॉल के तहत उनका इलाज शुरू किया। उन्हें वेंटिलेटर पर लिया और 45 मिनट तक सीपीआर, इंजेक्शन और लाइफ सेविंग ड्रग्स दी। इसके बावजूद वह नहीं बच पाए। त्यागी के परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं।

राजीव त्यागी मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले थे. एमबीए की पढ़ाई के बाद से ही राजीव त्यागी राजनैतिक गतिविधियों में शामिल हो गए थे. 20 साल के अपने राजनीतिक सफर में राजीव त्यागी प्रदर्शनों के सिलसिले में 5 बार जेल गए. कांग्रेस में राजीव त्यागी कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।

साथियों के साथ अटल बिहारी वाजपेयी को काले झंडे दिखा चर्चा में आये थे
राजीव त्यागी 19 मार्च 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की सिखेड़ा गांव में हुई एक पब्लिक मीटिंग में अपने साथियों के साथ काले झंडे दिखाकर चर्चा में आ गये थे. साल 2007 में जब राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में सघन जनसंपर्क अभियान के नाम से रोड शो शुरू किया तो राजीव त्यागी को उस रोड शो का कोऑर्डिनेटर बनाया गया था. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में राजीव त्यागी उत्तर प्रदेश के लिए बनी पब्लिसिटी कमेटी के सदस्य रहे.

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