रायपुर, 03 मई 2021

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली की ओर से कोविड-19 के नये प्रोटोकॉल के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ की ओर से नया प्रोटोकॉल निर्देश जारी किये गये हैं। राज्य सरकार ने दवाओं के उपयोग के संबंध में राज्य चिकित्सा परिषद से ऑडिट भी कराई जाएगी। बिना किसी कारण के नए प्रोटोकॉल को तोड़कर दवाएं प्रिस्काईब करने वाले डॉक्टरों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

ये है नया प्रोटोकॉल

ICMR एवं AIIMS नई दिल्ली ने नये प्रोटोकॉल में कहा था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन, टोसीलिजुमाब एवं प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग केवल अस्पतालों में ही किया जाए। इन दवाओं को प्रिस्काइब करने वाले डॉक्टर की यह जिम्मेदारी होगी कि वह इन दवाओं के संबंध में मरीज की आवश्यकता का आंकलन कर लें। मरीज को अन्य कोई बीमारी जैसे किडनी रोग, ह्दय रोग, कैंसर आदि नहीं है ये सुनिश्चित किया जाना भी जरूरी है। यह दवाएं अभी एक्सपेरीमेंटल दवाएं हैं। अतः इन दवाओं को किसी भी मरीज को देने से पूर्व मरीज के परिजन से इन्फार्ड कंसेन्ट प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

राज्य सरकार का आदेश

राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी 5 अलग-अलग दल बनाएंगे। जो  निजी अस्पतालों का भ्रमण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि पोर्टल पर बेड उपलब्धता की जानकारी अद्यतन रहे एवं बेड उपलब्ध होने की स्थिति में किसी भी मरीज को भर्ती होने से वंचित न होना पड़े। यह भ्रमण दल अस्पतालों में मरीजों से मिल यह भी ज्ञात करेंगे कि अस्पताल द्वारा मरीजों को भर्ती से वंचित तो नहीं किया जा रहा।

यदि कोई अस्पताल मरीज को बेड उपलब्ध होने के बावजूद भर्ती करने से इंकार करता है तो ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ उपचर्या गृह एवं रोगोपचार संबंधी स्थापनाए अधिनियम 2010 एवं नियम 2013 महामारी अधिनियम 1897 की कंडिका दो एवं छ.ग. एपिडेमिक डिसीज कोविड-19 रेगुलेशन 2020 की कण्डिका 3 के अंतर्गत ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

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