नई दिल्ली, 20 मार्च 2021

देश के कई राज्यों में इस समय राशन कार्ड (Ration Card) में नाम जोड़ने से लेकर हटाने का काम चल रहा है. कई राज्य सरकारों ने राशन कार्ड में धोखाधड़ी (Fraud) करने के मामले की पुलिसिया जांच भी (Police Investgation) अब तेज कर दी है. राशन कार्ड में अगर कोई शख्स झूठा नाम डलवाता है या राशन कार्ड में दर्ज व्यक्ति की मौत के बाद भी उसके कोटे का राशन लेने पर अब सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है. रिकवरी विभाग की तरफ से इस तरह के धोखेबाजी की जांच शुरू हो गई है. खाद्य आपूर्ति विभाग आरोपी पर धोखाधड़ी की धाराओं के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार भी करवा रही है. इसलिए अगर आप अब गलत डॉक्यूमेंट्स के साथ राशन कार्ड बनाते हैं या गलत नाम पर राशन लेते हैं तो अब आपको जेल और जुर्माना दोनों हो सकता है.

 राशन कार्ड बनवाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य
बता दें कि राशन कार्ड बनवाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य होता है, लेकिन लोग गरीबी रेखा से नीचे या अंत्योदय योजना का राशन कार्ड बनवाने के लिए गलत दस्तावेज जमा कर देते हैं. भारत सरकार के फूड सिक्योरिटी एक्ट में फर्जी राशन कार्ड बनवाना एक दंडनीय अपराध है. अगर आप फर्जी राशन कार्ड बनवाने के दोषी पाए जाते हैं तो आपको पांच साल की जेल और जुर्माना देना पड़ सकता है. इसके साथ ही अगर कार्ड बनवाने के लिए आपने फूड विभाग के अधिकारी को रिश्वत देते हैं या खाद्य विभाग के अधिकारी रिश्वत लेकर राशन कार्ड बनाते हैं तो इस मामले में भी सजा और जुर्माने का प्रावधान है.

one nation one ration Card

राशन कार्ड बनवाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य होता है.

वन नेशन वन राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी सुविधा लागू

केंद्र सरकार ने पूरे देश में वन नेशन वन राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी सुविधा लागू कर चुकी है. अब तक इस सुविधा से देश के तकरीबन सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हो चुके हैं. इस सुविधा के जरिए उपभोक्ताओं को अब दूसरे राज्यों में भी राशन मिल सकता है. इसके लिए अब उस व्यक्ति का उस राज्य का निवासी होना जरूरी नहीं है. केन्द्र सरकार के इस फैसले से देश के लोगों को अब किसी भी राज्य में राशन आसानी से मिल सकता है. खासकर गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों के लिए केंद्र सरकार की यह योजना काफी कारगर है.

फर्जी राशन कार्ड को लेकर सरकार सख्त
राशन कार्ड भारत सरकार की एक मान्यताप्राप्त सरकारी डॉक्यूमेंट भी है. राशन कार्ड की सहायता से लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित दर की दुकानों से खाद्यान्न (गेहूं, चावल और दाल) बाजार मूल्य से बेहद कम दाम पर खरीद सकते हैं. भारत में आम तौर पर तीन प्रकार से राशन कार्ड बनते हैं. गरीबी रेखा के ऊपर रहने वाले लोगों को एपीएल (APL), गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों के लिए बीपीएल (BPL) और सबसे गरीब परिवारों के लिए अन्‍त्योदय (Antyodaya) राशन कार्ड बनाए जाते हैं.

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