बिलासपुर, 3 जून 2020

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के संस्थापक अजीत जोगी के निधन के बाद खाली हुई मरवाही सीट पर सियासत गरम होने लगी है। अजीत जोगी का निधन हुए आज 6 दिन ही हुए हैं, लेकिन इन छह दिनों में सियासी पारा खूब उबाल मार रहा है। सोशल मीडिया और मीडिया में फैली जोगी कांग्रेस के कांग्रेस पार्टी में विलय की खबरों के बाद जोगी कांग्रेस के स्थानीय नेता मैदान में उतर आए हैं।

जोगी कांग्रेस से जुड़े मरवाही के नेता विरेन्द्र सिंह बघेल ने कहा है कि मरवाही में काँग्रेसी आदिवासी नेताओं की सियासी जमीन रसातल में जा रही है, इसीलिये अपनी खिसकती जमीन को बचाने के लिए कांग्रेसियों के द्वारा ये अफवाही उड़ाई गई है कि जोगी कांग्रेस का विलय कांग्रेस में होने जा रहा है।

वीरेन्द्र सिंह बघेल ने कहा कि ये सिर्फ कोरी बकवास और अफवाहें हैं, ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है। बघेल ने कहा कि जोगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता धर्मजीत सिंह पहले ही साफ कर चुके हैं कि विलय को लेकर किसी से कोई चर्चा नहीं हुई है। ऐसे में लगातार इस तरह की खबरों को तूल देना सिर्फ और सिर्फ कांग्रेसियों का काम है।

इधर मरवाही विधानसभा क्षेत्र में राजनीति अपने चरम पर है। जोगी कांग्रेस और कांग्रेस पार्टी के आदिवासी नेता अपने-अपने स्तर पर तरकशों में तीर भरने में जुटे हैँ। विलय की घोषणा न तो हुई है और न ही ऐसा कोई आधिकारिक बयान अभी कहीं से आया है, लेकिन जिस तरह से मरवाही में कांग्रेस के आदिवासी नेताओं ने अपने जिलाध्यक्ष को पत्र लिखकर जोगी कांग्रेस का कांग्रेस पार्टी में विलय किये जाने का विरोध किया है, उससे लगता नहीं है कि विलय की राह इतनी आसान होने वाली है।

अब सबकी निगाहें पीएल पूनिया के तीन दिवसीय दौरे पर टिकी हैं।

 

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