नई दिल्ली, 10 अप्रैल 2020
भारत में नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामले पिछले 24 घंटे में बढ़कर 6,412 हो चुके हैं, बीते 24 घंटों में 678 नए केस सामने आए हैं। राहत की बात यह है कि देश में अभी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की स्थिति नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश में अभी कम्यूनिटी ट्रांसमिशन की स्थिति नहीं है लेकिन सतर्कता जरूरी है। देश में टेस्टिंग की रफ्तार भी तेजी से बढ़ी है और अब कुल 213 लैब काम कर रहे हैं।
गुरुवार को 16,002 टेस्ट हुए, 2% ही पॉजिटिव
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पर्याप्त संख्या में टेस्ट किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय में जॉइंट सेक्रटरी लव अग्रवाल ने बताया कि जनवरी में हमने 1 लैब से काम शुरू किया, उसे बढ़ाकर 15 पहुंचाया और आज 146 सरकारी लैब हैं, 67 प्राइवेट लैब हैं जिनके 16 हजार से ज्यादा कलेक्शन सेंटर हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी में हम रोजाना 100 टेस्ट कर रहे थे। एक हफ्ते पहले तक 5-6 हजार टेस्ट कर रहे थे लेकिन कल (गुरुवार) हमने 16,002 टेस्ट किए। इनमें से करीब 2 प्रतिशत केस ही पॉजिटिव आए हैं यानी संक्रमण की दर बहुत ज्यादा नहीं है।
678 नए केस, अब तक 199 की मौत
देश में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 6,412 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से 503 लोग ठीक हो चुके हैं। कल से आज तक में 678 नए केस सामने आए हैं। अब तक 199 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले गुरुवार को 33 लोगों की मौत हुई।
घरेलू इस्तेमाल के लिए पर्याप्त हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन
मलेरिया के इलाज में काम आने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को कोरोना के इलाज में भी कारगर माना जा रहा है। भारत बड़े पैमाने पर इस दवा का निर्माण करता है, लिहाजा तमाम देशों की तरफ से भारत से इस दवा की मांग का सिलसिला जारी है। भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन बाद में यह प्रतिबंध हटा लिया। अब ऐसी आशंकाएं उठ रही हैं कि क्या निर्यात के बाद भारत के पास अपनी जरूरत भर की यह पर्याप्त दवा होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत के पास पर्याप्त हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन है।
घरेलू इस्तेमाल के लिए HCQ के 3.2 करोड़ टैबलेट मौजूद
लव अग्रवाल ने बताया कि भारत को करीब 1 करोड़ टैबलेट की जरूरत होगी एक हफ्ते के लिए। जबकि हमारे पास 3.2 करोड़ टैबलेट मौजूद है घरेलू इस्तेमाल के लिए यानी फिलहाल की जरूरत का करीब तिगुना। अगर महीने के आखिर तक की जरूरत की बात करें तो भारत को 1.6 करोड़ टैबलेट की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा 2 से 3 करोड़ की अतिरिक्त सप्लाई की व्यवस्था कर रखी है।
पीपीई, एन-95 मास्क और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था
अग्रवाल ने बताया कि लॉजिस्टिक्स की दिक्कतों की वजह से शुरुआत में एन-95 मास्क की कुछ दिक्कत हुई लेकिन राज्यों को पर्याप्त संख्या में मास्क भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि 9 लाख मास्क राज्यों के पास उपलब्ध थे, 2 महीने में राज्यों को अतिरिक्त 20 लाख मास्क उपलब्ध कराए गए हैं। मास्क की कमी नहीं होगी। इसी तरह राज्यों को पर्याप्त पीपीई भेजने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। अब देश में ही पीपीई के 39 मैन्यूफैक्चरर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि 49 हजार वेंटिलेटर के ऑर्डर दिए जा चुके हैं जो आने वाले दिनों में आ जाएंगे।
हेल्थ मिनिस्ट्री की तरफ से राज्यों को 15 हजार करोड़ का पैकेज
लव अग्रवाल ने बताया कि हेल्थ मिनिस्ट्री ने 15 हजार करोड़ रुपये करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है। राज्यों को कोरोना से निपटने के लिए इस पैकेज का ऐलान हुआ है। इससे राज्य अस्पताल बनाने से लेकर टेस्टिंग फैसिलिटी बढ़ाने और कोरोना वायरस से निपटने के लिए जरूरी कदम उठा सकेंगे।
14.3 लाख प्रवासी मजदूरों को दिया गया है आश्रय
केंद्रीय गृह मंत्रालय में जॉइंट सेक्रटरी पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने बताया कि 37,978 रिलीफ कैंपों के जरिए 14.3 लाख प्रवासी मजदूरों और जरूरत मंद लोगों को आश्रय दिया गया है। 34 हजार से ज्यादा सरकार की तरफ से कैंप लगाए गए हैं जबकि 3900 एनजीओ द्वारा लगाए गए हैं। करीब 26,225 फूड कैंप लगाए गए हैं, जिनमें 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को भोजन दिया जा रहा है। इनमें से 14,799 फूड कैंप राज्य सरकारों द्वारा और 11,426 फूड कैंप एनजीओ द्वारा लगाए गए हैं। साढ़े 16 लाख वर्करों को शेल्टर और भोजन की व्यवस्था उनके नियोक्ताओं के द्वारा की गई है।