नई दिल्ली, 21 अगस्त 2020
कोरोना वायरस की दवा (कोरोनिल) बना लेने के दावे पर शीर्षासन कर चुके स्वामी रामदेव के पतंजलि योगपीठ के बाद हरियाणा के एक डॉक्टर को कोरोना वायरस की दवा बना लेने का दावा करना महंगा पड़ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना की दवा बनाने का दावा करने वाले आयुर्वेद डॉक्टर पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
हरियाणा के आयुर्वेद डॉक्टर ओमप्रकाश वैद ज्ञानतारा ने बीएएमएस की डिग्री ले रखी है। उन्होंने एक सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल (जनहित याचिका) लगाकर सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि उन्होंने कोरोना वायरस की दवा खोज ली है और इसे इस्तेमाल करने के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिया जाए। अपने दावे में उन्होंने दावा किया कि देसी दवा के रूप में उनके पास कोरोना वायरस का इलाज मौजूद है। सुप्रीम कोर्ट के जज संजय कौल ने ज्ञानतारा की याचिका को देखा, सुना और नाराजगी जताते हुए ओमप्रकाश वैद्य ज्ञानतारा पर 10 हजार रुपये का तगड़ा जुर्माना ठोंक दिया।
ज्ञानतारा की पीआईएल को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जज ने टिप्पणी की कि ज्ञानतारा की मांग पूरी तरह बेतुकी है और इससे लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा। लोग यहां उलूल-जुलूल बातों को लेकर पीआईएल लेकर पहुंचने लगेंगे।