रायपुर, 20 सितंबर 2020

रायपुर जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए 21 सितंबर की रात्रि 9 बजे से सम्पूर्ण लॉकडाउन का फैसला किया है। लेकिन उससे पहले राजधानी में फल एवं सब्जियों की कीमतों में आग लग गई है। 21 से 28 सितंबर तक लगने वाले कम्पलीट लॉकडाउन को लेकर रायपुर के लोगों में इस कदर डर फैला है कि सामान की जमाखोरी शुरु हो गई है। बाजारों में बड़ी भारी भीड़ उमड़ रही है। सोशल डिस्टेंसिंग पूरी  तरह धाराशायी हो चुकी है। इस सब के बीच फल एवं सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। रविवार को रायपुर में फल एवं सब्जी मंडियों में कीमतों का जायजा जब हमने लिया तो दाम कुछ इस प्रकार नजर आए।

20 सितंबर को सब्जियों के भाव

आलू – 50 रुपये प्रति किलो

प्याज़ – 45 रुपये प्रति किलो

टमाटर – 60 रुपये प्रति किलो

हरी मिर्च – 120 रुपये प्रति किलो

तरोई – 60 रुपये प्रति किलो

लहसुन – 160 रुपये प्रति किलो

बैंगन – 60 रुपये प्रति किलो

कद्दू – 30 रुपये प्रति किलो

लौकी – 70 रुपये प्रति किलो

फूल गोभी – 80 रुपये प्रति किलो

पत्तागोभी – 80 रुपये प्रति किलो

अदरक – 80 रुपये प्रति किलो

नींबू – 3 रुपये प्रति नग

गाजर – 40 रुपये प्रति किलो

करेला –  80 रुपये प्रति किलो

लाल भाजी – 80 रुपये प्रति किलो

 

20 सितंबर को फलों के दाम

सेब – 100 रुपये प्रति किलो से 280 रुपये प्रति किलो तक

केला – 60 रुपये दर्जन

अमरुद – 50 रुपये किलो

अनन्नास – 50 रुपये किलो

मोसम्बी – 70 रुपये प्रति किलो

सब्जियों की ये कीमतें गरीब और मध्यमवर्ग को सबसे ज्यादा परेशान कर रही हैँ। पहले लग चुके लॉकडाउनों की वजह से अभी तक राजधानी के उद्योग धंधे और कारोबार पटरी पर लौटा नहीं है। लोगों के पास नौकरियां नहीं है। जिनके पास नौकरी है उनको वेतन आधा मिल रहा है। इस सब के बीच 21 सितंबर से लगने वाले लॉकडाउन से पहले सब्जियों औऱ खाद्य पदार्थों की कीमतों में आए उछाल ने आम आदमी का जीना हराम कर दिया है।

कोविड-19 से संक्रमित मरीजों को भी अच्छा और पौष्टिक आहार खाने की सलाह दी जाती है। उनको जिंक, आयरन, विटामिन सी, कैल्शियम आदि की प्रचुरता वाले फल और सब्जियां खाने को डॉक्टरों द्वारा कहा जाता है। ताकि शरीर में रिकवरी तेजी हो। लेकिन जो मरीज पहले से ही आर्थिक रूप से कमजोर हैं या तंगहाली के शिकार हैं, महंगाई बढ़ने के बाद तो वो फल और सब्जी भी खरीद पाने में असमर्थ हो रहे हैँ। ऐसे में इन मरीजों को क्या सिर्फ दवाइयों के सहारे ही ठीक किया जाएगा। इस सब पर सरकार को सोचना चाहिये।

प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन लॉकडाउन के दौरान बरती जाने वाली सख्तियों और मिलने वाली छूटों का तो प्रचार-प्रसार कर रहा है। लेकिन आम जरूरत की चीजों की बढ़ती कीमतों को रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा है। अगर सब्जियों की कीमतों में लगी इस आग पर काबू नहीं पाया गया तो कोरोना से पहले महंगाई लोगों की जान ले लेगी।

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