रायपुर, 20 सितंबर 2020

राजधानी के समाजसेवी और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने 21 सितंबर की रात्रि 9 बजे से अलग-अलग जिलों में अलग-अलग दिनों के लिए लागू हो रहे लॉकडाउन को लेकर सवाल खड़े किये हैं। प्रकाशपुंज पाण्डेय ने कहा कि लॉकडाउन लगाने के पीछे कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ना है। ये लॉकडाउन 22 मार्च से लगातार अलग-अलग मौकों पर लगता आ रहा है। लेकिन इन लॉकडाउन के कई बार के दौर में आम जनता ने कालाबाजारी और खाद्य पदार्थों की आसमान छूती कीमतों का भी सामना किया है।

राजधानी में 21 सितंबर की रात्रि 9 बजे से एक हफ्ते का लॉकडाउन लगने जा रहा है। लेकिन उससे पहले बाजारों में सामान जुटा लेने के लिए उमड़ रही लोगों की भीड़ कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन तोड़ने की बजाय संक्रमण के फैलाव को न्यौता दे रही है। लॉकडाउन लगने की आहट मिलते ही रायपुर के हर बाजार में सब्जियों और फलों के दाम बेतहाशा बढ़ गए हैँ। कई जगह तो राशन की चीजों की कीमतें भी बढ़ गई है। फल और सब्जियों के दाम बढ़ने से मध्यमवर्गीय और गरीब लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है।

एक तरफ लोगों के पास रोजगार नहीं है। उनके हाथ से गई नौकरी अभी तक वापस नहीं मिल पाई है। उद्योग-कारखानों में अपनी पूरी रफ्तार से काम लौटा भी नहीं हैं। लोगों के पास कुछ दिन भी गुजारा कर लेने लायक पैसा मुश्किल से बचा है। ऐसे में कुछ मुनाफाखोर औऱ कालाबाजारी करने वाले फल और सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों के दाम बढ़ाकर जनता को लूटने खसोटने का काम कर रहे है। प्रकाश पुंज पाण्डेय ने कहा कि सरकार को फल- सब्जियों और राशन की चीजों की बढ़ती कीमतों को लेकर गंभीरता से सोचना चाहिये। नोटबंदी, जीएसटी और इसी तरह के अन्य नीतिगत फैसलों की वजह से देश की अर्थव्यवस्था की हालत पहले से ही पतली हो चुकी है। रही सही कसर कोरोना वायरस के संक्रमण ने पूरी कर दी है। ऐसे माहौल में बढ़ती महंगाई कोढ़ में खाज का काम कर रही है।

 

20 सितंबर को रायपुर की फल एवं सब्जी मंडियों में ये भाव है।

आलू – 50 रुपये प्रति किलो

प्याज़ – 45 रुपये प्रति किलो

टमाटर – 60 रुपये प्रति किलो

हरी मिर्च – 120 रुपये प्रति किलो

तरोई – 60 रुपये प्रति किलो

लहसुन – 160 रुपये प्रति किलो

बैंगन – 60 रुपये प्रति किलो

कद्दू – 30 रुपये प्रति किलो

लौकी – 70 रुपये प्रति किलो

फूल गोभी – 80 रुपये प्रति किलो

पत्तागोभी – 80 रुपये प्रति किलो

अदरक – 80 रुपये प्रति किलो

नींबू – 3 रुपये प्रति नग

गाजर – 40 रुपये प्रति किलो

करेला –  80 रुपये प्रति किलो

लाल भाजी – 80 रुपये प्रति किलो

प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महंगाई का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपील की है कि इस महंगाई के दौर में जहां आय के साधनों में कमी आई है लेकिन हर परिवार और हर व्यक्ति के खर्चे बढ़ते जा रहे हैं, सरकार को चाहिए कि कम से कम अनाज, फल और सब्जियों के दामों पर रोक लगाए ताकि ग़रीब और साधारण व्यक्ति दो वक्त की रोटी खा पाए। आज सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं अब यह कैसे मुमकिन है कि एक आम आदमी दो वक्त की सब्ज़ी खा पाए। यह बहुत ही गंभीर समस्या है। सरकार को इस पर संवेदनशीलता से विचार करना चाहिए क्योंकि लॉकडाउन सरकार ने लगाया है जनता ने नहीं। अगर सरकार जनता के हित में लॉकडाउन लगा रही है, तो सरकार को बाजार में बिकने वाली रोज़मर्रा की वस्तुएं जैसे दूध, फल, सब्जी और अनाज के मूल्यों की वृद्धि पर ही अंकुश लगाने की अत्यधिक आवश्यकता है।

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